कर्मचारियों के चयन में भेदभाव खत्म करेगा इंटरव्यू लेने वाला रोबोट; ट्रायल पूरे, मई में लॉन्चिंग
स्टॉकहोम.किसी जॉब इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवारों के टैलेंट, शिक्षा और अनुभव के साथ उसकी पसंद-नापसंद, जेंडर, पहनावा, उच्चारण आदि भी इस बात को तय करती है कि उसे जॉब मिलेगी या नहीं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंटरव्यू लेने वालों के पूर्वाग्रह होते हैं। कई बार वे न चाहते हुए भी उम्मीदवारों को ऐसे पैमानों पर आंकते हैं जिनकी जॉब में जरूरत नहीं होती है।
स्वीडन की रोबोटिक्स कंपनी फुरहात इसका समाधान लेकर आई है। इसने दुनिया का पहला इंटरव्यू लेने वाला रोबोट बनाया है। इस रोबोट को महिला पहचान दी गई है और इसका नाम तेनगाई रखा गया है। इसकी लंबाई सिर्फ 16 इंच है और वजन महज 3.5 किलो। तेनगाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित रोबोट है। यह उम्मीदवारों से सिर्फ वही सवाल पूछती है जिनका उस खास जॉब से सीधा ताल्लुक होता है। उम्मीदवारों के जवाब लिखित फॉर्मेट में मैनेजमेंट के पास पहुंचते हैं। इस आधार पर फैसला लिया जाता है कि उसे चयन प्रक्रिया के अगले राउंड में बुलाना है या नहीं।
फुरहात ने यह रोबोट स्टॉकहोम के केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर तैयार किया है। स्वीडन की सबसे बड़ी रिक्रूटमेंट फर्म टीएनजी के साथ मिलकर कई महीने तक इस रोबोट का ट्रायल किया गया। इसी साल मई में अन्य कंपनियों के लिए इसकी लॉन्चिंग कर दी जाएगी। अभी यह सिर्फ स्वीडिश भाषा में उपलब्ध होगी। अगले साल इसे अंग्रेजी भाषियों के लिए पेश कर दिया जाएगा। इसके बाद अलग-अलग देशों से डिमांड आने की स्थिति में अन्य भाषाओं पर भी काम किया जाएगा।
रिक्रूटमेंट फर्म टीएनजी के मुताबिक स्वीडन में जॉब ढूंढ़ने वाले 73% उम्मीदवारों का कहना है कि इंटरव्यू के दौरान उनके साथ उम्र, जेंडर, रंग, भाषा, उच्चारण आदि के आधार पर भेदभाव किया जाता है। अक्सर उन लोगों को तरजीह दी जाती है जो मूलत: स्वीडन के हों। इस कारण बाहर से आने वाले युवाओं को पर्याप्त टैलेंट होने के बावजूद जॉब नहीं मिलती है। स्वीडन में मूल निवासियों के बीच बेरोजगारी दर 4% है, लेकिन बाहर से आए लोगों में यह दर 15% है।
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Source: bhaskar international story