कुलभूषण पर फैसले को पाक ने अपनी जीत बताया, पीएम इमरान ने कहा- कानून के मुताबिक आगे बढ़ेंगे
इस्लामाबाद. कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा पर अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को रोक लगा दी। साथ ही पाक को एक बार फिर फैसले की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार करने के आदेश दिए। इस फैसले को दुनियाभर में जहां भारत की जीत के तौर पर देखा जा रहा है, वहीं पाक सरकार इसे अपनी जीत बता रही है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि हम कानूनी प्रक्रिया के तहत ही आगे बढ़ेंगे।
गुरुवार को इमरान ने ट्वीट कर आईसीजे के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अदालत ने कुलभूषण को बरी, रिहा और वापस भारत न भेजे जाने का फैसला किया। वह (कुलभूषण) पाक के लोगों के खिलाफ अपराध का दोषी है।
इससे पहले पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आईसीजे के फैसले को पाक की जीत बताया था। उन्होंने ट्वीट किया था कि कमांडर जाधव को पाक में रहना होगा। यहां उन्हें पाक के कानून से रहना होगा। यह पाक की जीत है।
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आईसीजे ने पाक को बताया था विएना संधि के उल्लंघन का दोषी
- 1. कोर्ट के अध्यक्ष सोमालिया के जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने फैसला पढ़ा। उन्होंने 42 पन्नों के फैसले में कहा कि पाकिस्तान जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से अपने फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार नहीं कर लेता है, तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक रहेगी।
- 2. आईसीजे ने कहा- पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारत की बातचीत और कॉन्स्यूलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार किया। पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया। पाक ने विएना संधि के तहत कॉन्स्यूलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन किया।
- 3. जजों ने कहा- पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव के साथ बातचीत और मुलाकात के अधिकार से वंचित रखा। भारत ने कई बार कॉन्स्यूलर एक्सेस के लिए अपील की, जिस पाकिस्तान ने ठुकरा दिया। यह एक निर्विवाद तथ्य है कि पाकिस्तान ने भारत की अपील नहीं मानी।
- 4. “पाकिस्तान विएना संधि के तहत कुलभूषण की गिरफ्तारी और उसके कारावास के संबंध में भारत को जानकारी देने के लिए बाध्य था। पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी की जानकारी देने में तीन हफ्ते की देरी कर दी, यह भी विएना संधि की शर्तों का उल्लंघन है। पाकिस्तान यह नहीं स्पष्ट कर पाया कि कथित तौर पर भारत की किसी गड़बड़ी की वजह से उसने खुद को संधि की शर्तों को पूरा करने से खुद को रोक लिया।’
- 5. अंतरराष्ट्रीय कानूनी सलाहकार रीमा ओमेर ने कहा- कोर्ट ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आर्टिकल 36(1) यानी कॉन्स्यूलर एक्सेस दिए जाने के उल्लंघन के संदर्भ में अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
जाधव के खिलाफ पाक सेना के ट्रायल को भारत ने चुनौती दी
भारत ने मई 2017 में आईसीजे के सामने यह मामला उठाया था। पाकिस्तान पर जाधव को काउंसलर न मुहैया करवाने का आरोप लगाया। भारत ने जाधव (48) के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ट्रायल को भी चुनौती दी। आईसीजे ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान पर जाधव के खिलाफ फैसला आने तक किसी भी तरह की कार्रवाई किए जाने को लेकर रोक लगाई।
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Source: bhaskar international story