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चीन ने 10 साल में चौथी बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचाया



न्यूयॉर्क.चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएचसी) में देर रात जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने से फिर एक बार बचा लिया। 10 साल में यह चौथी बार है जब चीन ने इसके लिए अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया। फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका अजहर के खिलाफ यह प्रस्ताव 27 फरवरी को लाए थे।इस पर आपत्ति की समय सीमा (बुधवार रात 12:30 बजे) खत्म होने से ठीक एक घंटे पहले।चीन ने इस पर अड़ंगा लगा दिया।न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि10 से अधिक देशों ने इस प्रस्ताव कासमर्थन किया।

चीन ने कहा कि वह बिना सबूतों के कार्रवाई के खिलाफ है। यही बात उसने तीन दिन पहले कही थी। इस पर अमेरिका ने चीन से गुजारिश की थी कि वह समझदारी से काम लें, क्योंकि भारत-पाक में शांति के लिए मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करना जरूरी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा-चीन के रवैए से निराशा हुई। आतंकियों के खिलाफ हमारी कोशिशें जारी रहेंगी। भारत ने प्रस्ताव लाने और उसका समर्थन करने वाले देशों को धन्यवाद कहाहै।इस बीचयूएनएचसी के सदस्योंने चीन का चेतावनी दी है।चीन से कहा गया है कि अगर वह मसूद अज़हर को लेकर अपने रुख को नहीं बदलेगा तो दूसरी कार्रवाई के विकल्प खुले हैं।

प्रस्ताव टेक्निकल होल्ड पर

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यूएन में एक राजनयिक ने बताया कि चीन ने प्रस्ताव को ‘टेक्निकल होल्ड’ पर रखा है। इस प्रस्ताव परसमिति के सदस्यों को आपत्ति जताने के लिए 10 कार्यदिवस दिए गए थे। भारतीय समयानुसार यह समयसीमा बुधवार रात12.30 बजेखत्म हो रही थी। समिति के नियमानुसार प्रस्ताव पर तय वक्त तक आपत्ति नहीं आती है तो उसे स्वीकार मान लिया जाता है।

चार बातों से समझिए चीन मसूद को क्यों बचाता है

  • 1. पाक में 7 लाख करोड़ का निवेश लक्ष्य:पाक में चीन सीपैक में 55 बिलियन डॉलर (3.8 लाख करोड़ रु.) का निवेश करेगा। इसके अलावा कई प्रोजेक्ट्स में 46 बिलियन डॉलर (3.2 लाख करोड़ रु.) खर्च कर चुका है। पाक में पंजीकृत विदेशी कंपनियों में सबसे ज्यादा 77 चीन की हैं।
  • 2. भारत को घरेलू मोर्चे पर घेरे रखना:चीन भारत काे अपना सबसे बड़ा आर्थिक प्रतिद्वंद्वी मानता है। चीन चाहता है कि भारत द. एशिया के अहम बिंदुओं पर ध्यान न देकर घरेलू समस्याओं में उलझा रहे। वह मसूद के खिलाफ जाता तो भारत मजबूत दिखता।
  • 3. मुस्लिमों पर कार्रवाई में पाक साथ:चीन में उईगर मुस्लिमों पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। वे खुले में नमाज तक नहीं पढ़ पाते। इस्लामिक सहयोग संगठन के देशों में से सिर्फ पाक ही इन प्रतिबंधों को सही मानता है। इसलिए चीन को इस मोर्चे पर भी पाक की जरूरत है।
  • 4. अमेरिका और दलाई लामा भी कारण:भारत-अमेरिका के अच्छे संबंध चीन के खिलाफ जाते हैं। इसलिए चीन ने मसूद अजहर को हथियार बना लिया है। जैसा भारत अजहर मसूद को समझता है, ठीक वैसे ही चीन दलाई लामा को मानता है।
  1. चीन भी यूएन में वीटो पॉवर सदस्य है। वह भारत के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाने की ताकत रखता है। भारत ने 2009 में पहली बार यूएन में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के लिए प्रस्ताव दिया था, लेकिन चीन ने उस समय भी वीटो का इस्तेमाल कर अड़ंगा लगाया था।

  2. अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की बात पर चीन केविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कंग ने कहा, ‘मैं फिर दोहराता हूं कि चीन हमेशा अपने रवैये के मुताबिक जिम्मेदारी निभाता रहेगा और यूएनएससी 1267 समिति की बैठक में हिस्सा लेगा। हम सभी पक्षों के साथ इस मामले को लेकर सम्पर्क में हैं और इस मामले से परस्पर तरीके से निपटेंगे।’

  3. अमेरिका ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के प्रस्तावों का समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के उपप्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने बुधवार को कहा कि मसूद अजहर ही जैश का संस्थापक है। वह वैश्विक आतंकी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के दायरे में आता है। यूएन जैश को आतंकी गुट मानता है।

  4. रॉबर्ट पलाडिनो ने कहा, ‘अमेरिका और चीन के आपसी हित हैं। दोनों देश क्षेत्रीय स्थायित्व और शांति लाना चाहते हैं, लेकिन मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयासों को नाकाम करने से यह लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहा।’

  5. भारत ने 2016 में दूसरी बार पी-3 के साथ मिलकर अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले का मास्टरमाइंड अजहर ही था।

  6. 2017 में भीपी-3 राष्ट्रों ने संयुक्त राष्ट्र में मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव दिया। अब तक जितनी बार भी प्रस्ताव दिए गए हैं, चीन ने हर बार विरोध (वीटो) किया। इसके चलते प्रस्ताव सेंक्शन कमेटी तक नहीं पहुंच सका।

  7. हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संकेत दिए कि उनका देश यूएनएससी में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का विरोध नहीं करेगा।

  8. 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठनजैश ने ही ली थी।

  9. 26/11 के मुंबई हमले के बाद हाफिज सईद को भी यूएन ने ग्लोबल आतंकी घोषित किया था। लेकिन, वह आज भी पाक में खुलेआम रैलियां करता है। आतंकियों को तैयार करता है। हालांकि, उसका संगठन जमात-उद-दावा खुलेआम हमलों की जिम्मेदारी नहीं लेता।

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      Jaish-e-Muhammed chief Masood Azhar UNSC listing for global terrorist China hints it may block move

      Source: bhaskar international story

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