तमिल परिवार का प्रत्यर्पण रोकने के लिए प्रधानमंत्री से अपील, देशभर में लोग सड़कों पर उतरे
मेलबर्न. ऑस्ट्रेलिया में एक तमिल परिवार को प्रत्यर्पण से बचाने के लिए पूरा देश एकजुट हो गया है। इस परिवार को हिरासत केंद्र से श्रीलंका भेजा जा रहा था। गुरुवार को एक संघीय जज ने परिवार को ले जा रहे विमान को रुकवाकर उन्हें अस्थायी तौर पर भेजे जाने से रोकलिया था। फिलहाल इस परिवार को डार्विन के क्रिश्चियन आइलैंड में रखा गया है।
ऑस्ट्रेलिया में इस परिवार को रोकने के लिए रैलियां हो रही हैं। लेट देम स्टे हैशटेग से अभियान शुरू कर दिया गया है। रविवार को भी परिवार के समर्थन में मेलबोर्न, क्वींसलैंड और सिडनी समेत कई शहरों में रैलियां हुईं। हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। प्रमुख विपक्षी लेबर पार्टी के नेता एंथोनी एल्बेनीज ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से बात की है।
नदेसलिंगम और उनकी पत्नी प्रिया 2012 और 2013 में श्रीलंका से नाव के जरिए ऑस्ट्रेलिया में दाखिल हुए थे। ऑस्ट्रेलियाई कानून के मुताबिक नाव से आए लोगों को शरणार्थी नहीं माना जाता। ऐसे लोगों को हिरासत केंद्र में रखा जाता है और वापस भेज दिया जाता है। ये दंपती क्वींसलैंड के बिलोएला में रह रहा था। इनकी दो बेटियां कोपिका(4) और थरुनिका (2) ऑस्ट्रेलिया में ही जन्मीं हैं।
मार्च में अचानक इन्हें सरकार के आदेश पर मेलबोर्न के हिरासत केंद्र भेज दिया गया। इसके बाद पिछले हफ्ते श्रीलंका जाने के आदेश दिए गए थे। नेशनल्स पार्टी के सांसद बर्नबी ने कहा कि देशभर के लोग उन्हें साथ रखना चाहते हैं, तो हमें जनता की आवाज सुननी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया के रग्बी यूनियन के पूर्व कोच और रेडियो ब्रॉडकॉस्टर एलन जोन्स का कहना है कि आव्रजन नीति सख्त रखनी जरूरी है, पर ये परिवार जिन परिस्थितियों में आया है, उसे ध्यान में रखना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया में तमिल शरणार्थी परिषद के प्रवक्ता आरन माइलवागनम के मुताबिक,‘‘परिवार को श्रीलंका में जीवन का खतरा है।’’ बिलोएला के लोगों का कहना है कि दंपती यहां शांति से रह रहे हैं, दोनों बच्चियों को जन्म यहीं हुआ है। हर त्योहार हमारे साथ मनाते हैं। दंपती ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। पर हमारा देश तो उनकी जिंदगी को खतरे में डाल रहा है।” इसके बाद सोशल मीडिया पर लेट देम स्टे (उन्हें रहने दें) अभियान शुरू किया गया। इसके बाद पूरा देश उनके साथ खड़ा हो गया है।
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Source: bhaskar international story