परवेज मुशर्रफ की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती करवाया गया
दुबई. पाकिस्तान के पूर्व सैन्य प्रमुख रिटायर्ड जनरल परवेज मुशर्रफ की तबीयत गुरुवार को अचानक बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 75 वर्षीय मुशर्रफ पर पहले से ही किसी से भी मिलने और बात करने को लेकर रोक लगाई जा चुकी है।
दरअसल, मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं। उन पर 2007 में संविधान को स्थगितकरने के एक मामले में राजद्रोह केआरोप लगाए गए। 2014 में इस मामले में न्यायालय ने उन्हें आरोपी माना।इसके अंतर्गत आरोपी के लिए उम्रकैद या मौत की सजा का प्रावधान है। इस मामले के उठने के बादहीपूर्व सैन्य प्रमुख इलाज के लिए दुबई रवाना हो गए थे और फिर कभी नहीं लौटे। मुशर्रफ ने इसका कारण बिगड़ता स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा को बताया था।
मुशर्रफ चलने में असमर्थ हैं: वकील
इससे पहले विशेष अदालत ने मुशर्रफ की उस अर्जी को स्वीकार किया था जिसमें उन्होंने राजद्रोह से जुड़े मामलेकी सुनवाई 12 जून तक रोकने की अपील की थी। सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के वकील सलमान सफदर ने कोर्ट को सूचित किया था कि पूर्व राष्ट्रपतिचलने में असमर्थ हैं। ठीक से बोल भी नहीं सकते। वकील ने यह दावा भीकिया था कि मुशर्रफ कोदो सालमें 40 बार अस्पताल में भर्ती किया जा चुका है। डॉक्टरों ने उन्हेंयात्राएं करने से मना किया है।मीडिया रिपोर्ट केमुताबिक, मुशर्रफ नर्वस सिस्टम की कमजोरी की समस्या से जूझ रहे हैं।
मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया जा चुका
मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान में शासन किया। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और लाल मस्जिद के धार्मिक गुरु की हत्या के मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
जनरल को उम्रकैद और ब्रिगेडियर को मौत की सजा
पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार को एक बयान जारी किया। इसमें बताया गया कि सेना ने एक जनरल को जासूसी के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है जबकि एक ब्रिगेडियर और सिविलियन अधिकारी को इसी मामले में मौत की सजा दी गई। रिटायर्ड लेफ्टीनेंट जनरल जावेद इकबाल को उम्रकैद दी गई। उन्हें जेल में 14 साल बिताना होंगे। रिटायर्ड ब्रिगेडियर राजा रिजवान और सिविलियन डॉक्टर वसीम अकरम को मौत की सजा सुनाई गई।
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Source: bhaskar international story