पाकिस्तानी डॉक्टरों को देश छोड़ने का आदेश, डिग्री को अमान्य बताया; 4 और देश भी यही करेंगे
लाहौर.सऊदी अरब ने पाकिस्तान केमास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) और डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) डिग्रीधारी डॉक्टरों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। देश नहीं छोड़ने की स्थिति में उन्हें जबरन वापस भेजे जाने को लेकर तैयार रहने को कहा गया है। सऊदी अरब स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान में डॉक्टरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कई कमियां हैं। सबसे अहमबात यह है कि अरब जगत के चार अन्य देश भी यही कदम उठा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पाकिस्तान की एमएस और एमडी डिग्री को अवैध बताते हुए यह दावा किया कियहां के डॉक्टर इन पदों पर भर्ती होने के लिए आवश्यक योग्यता को पूरा नहीं करते हैं। सऊदी अरब के इस कदम से अब सैंकड़ों डॉक्टर बेरोजगार हो जाएंगे। अरब के अन्य चार देश कतर, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने भी इसी तरह काकदम उठाया है।पाकिस्तान को विदेश में काम कर रहे अपने नागरिकों से बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा प्राप्त होतीहै। सऊदी अरब और अन्य देशों के इस फैसले से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
भारत, मिस्र, बांग्लादेश की डिग्रियां मान्य रहेंगी
पाकिस्तान के अधिकतर डॉक्टरों को सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2016 में कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में इंटरव्यू के बाद भर्ती किया था। इनमें सेएक डॉक्टर ने बताया कि इस तरह का निर्णय हमारे लिए काफी निराशाजनक है जबकि भारत, मिस्र, सूडान और बांग्लादेश की यही डिग्रियां सऊदी अरब और अन्य देशों में मान्य है।
डॉक्टरों ने कहा- उनका करिअर समाप्त हो गया
पाकिस्तान के पीड़ित डॉक्टरों और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने आरोप लगाया कि कॉलेज ऑफ फिजिशियन्स एंड सर्जन्स पाकिस्तान (सीपीएसपी) ने उनका करिअर समाप्त कर दिया। सऊदी अरब के डाइरेक्टर जनरल ऑफ कॉलेबोरेशन डिपार्टमेंट सईदुल बारकीने कहा कि सीपीएसपी के प्रतिनिधिमंडल ने हमें कहा था कि पाकिस्तान में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रम प्रशिक्षण आधारित कार्यक्रम नहीं है। इसके बाद ही उनकी डिग्री को हमारे देश में अवैध घोषित किया गया है।
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Source: bhaskar international story