पूर्व राजनयिकों ने कहा- ट्रम्प के मध्यस्थता वाले बयान का भारत-अमेरिका रिश्तों पर असर पड़ सकता है
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता को लेकर पहली बार बयान दिया। पूर्व राजनयिकों का मानना है कि इससे भारत-अमेरिका रिश्तों पर असर पड़ सकता है। भारत में स्थित अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने आज काफी नुकसान किया। कश्मीर और अफगानिस्तान पर उनके बयान बिल्कुल गलत निशाने पर थे।
ट्रम्प ने सोमवार को ही इमरान खान के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। इस पर इमरान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर आप ऐसा करा सके, तो अरबों लोग आपको दुआ देंगे।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के करीब एक घंटे बाद ही ट्रम्प के दावे को नकार दिया था। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प ऐसी कोई बात नहीं हुई। भारत अपने निर्णय पर कायम है। पाकिस्तान के साथ सारे मसले द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही हल किए जाएंगे।
पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रम्प को जल्द दक्षिण एशियाई मुद्दों की जटिलता समझ आ जाएगी। उन्होंने अफगानिस्तान के एक मामले में भी पाकिस्तान से मदद मांगी है। उन्हें लगता है कि पाक उनसे यही चाहता है।”
हक्कानी ने कहा, “ट्रम्प ने इमरान की वैसे ही तारीफ की जैसे वे उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की तारीफ करते हैं। किसी समझौते पर पहुंचने का यह उनका अपना तरीका है। लेकिन जैसेकोरिया के मामले में कोई समझौता नहीं हो सका, उन्हें अब पता चलेगा कि दक्षिण एशिया के ऐतिहासिक मुद्दे एक रियल एस्टेट डील से कितने पेचीदा हैं।”
विदेश मंत्रालय की पूर्व राजनायिक एलिसा आयर्स ने कहा, “मुझे लगता है कि इमरान के साथ मुलाकात के लिए ट्रम्प बिना तैयारीके गए। उनके बिना सोचे-समझे दिए बयान यही दिखाते हैं । कश्मीर पर आज उन्होंने जो कहा उसे भारत सरकार ने कुछ ही घंटों में नकार दिया। कूटनीति में हर छोटी से छोटी चीज पर ध्यान देना होता है। फिर चाहे वो भाषा हो या इतिहास के तथ्य। हमें यह आज नहीं दिखे।”
अमेरिका की विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी के सांसद ब्रैड शरमैन नेट्रम्प के इस बयान को शर्मनाक बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मैंने अभी भारतीय राजदूत हर्ष श्रृंगला से ट्रम्प के अनुभवहीन बयान के लिए माफी मांगी। जो भी थोड़ा बहुत दक्षिण एशिया की विदेश नीति के बारे में जानता है उसे पता है कि भारत कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं चाहता। सबको पता है कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसी कुठ कभी नहीं कहेंगे। ट्रम्प का बयानभ्रामक है।”
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Source: bhaskar international story