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बढ़ती महंगाई में कर्मचारियों को दिया डीए उंट के मुंह में जीरे के बराबर 

कर्मचारी, किसान, युवा और आमजन परेशान- धारीवाल
सरकार की नियत खराब
कोटा 13 सितंबर। पूर्व गृह मंत्री श्री शांति धारीवाल ने केंद्रीय कर्मचारियों का डीए मात्र 1 फीसदी बढ़ाने को हास्यापद एवं एक करोड़ से भी ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनधारियों के साथ मजाक बताया है। उन्होंने कहा है कि देश में महंगाई अपने चरम पर है। पिछले 1 महीने में अकेले पेट्रोल-डीजल के दामों में ही 12 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है तथा खाने पीने के अलावा भी जीएसटी की ऊंची दरों के कारण महंगाई बढ़ी है। ऐसे में महज एक फीसदी डीए बढ़ोतरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है । धारीवाल ने कहा कि डीए की गणना सातवें वेतन आयोग के द्वारा बनाए गए फार्मूले के आधार पर ना होकर गलत तरीके से की गई है, जिसका भारी नुकसान केंद्रीय कर्मचारियों को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद की यह सबसे कम डीए बढ़ोतरी है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की नियत खराब है व उसकी आर्थिक स्थिति अपने निम्न स्तर पर है। सरकार ने व्यापारियों को जीएसटी में उलझा रखा है वहीं किसान खराब फसल के मुआवजे के लिए मारा-मारा फिर रहा है तथा हर तरह की उपज का दाम भी समर्थन मूल्य से कम मिल रहा है। कोई फसल ऐसी नहीं है जिसमें किसान को घटा नहीं उठाना पड़ रहा हो, साथ ही युवाओं को रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है। यह बढ़ती महंगाई आम जनता के साथ-साथ कर्मचारियों की कमर तोड़ने का काम कर रही है।

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