मधुमक्खी पालन पर जोर: बर्लिन में 10 हजार छत्ते, बीकीपर्स एसोसिएशन से 1.20 लाख लोग जुड़े
बर्लिन. जर्मनी में इन दिनों मधुमक्खी पालन जोरों पर है। अकेले राजधानी बर्लिन में 10 हजार मधुमक्खी के छत्ते हैं। लोग इस कदर मधुमक्खी पालन में लगे हैं कि अपने घरों की बालकनी और बाइक पर भी मधुमक्खियों को पाल रहे हैं। जर्मन बीकीपर्स एसोसिएशन के सदस्यों में 6 साल में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। 2013 में इसके सदस्यों की संख्या 92 हजार थी, 2019 में यह संख्या बढ़कर एक लाख 20 हजार तक पहुंच गई।
बर्लिन बीकीपर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बेनेडिक्ट पोलाजेक कहते हैं- कई लोग जलवायु परिवर्तन के चलते मधुमक्खियों की घटती संख्या से चिंतित है। ये लोग मधुमक्खियों की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ करना चाहते हैं। हालांकि शहर में मधुमक्खियों की संख्या बढ़ रही है। इसकी वजह उनके लिए सही निवास स्थान का न होना है।
बर्लिन ने मधुमक्खीपालन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं दफ्तरों, घरों की छतों और होटलों की गैलरियों में भी मधुमक्खियों के छत्ते देखे जा सकते हैं। समस्या यह है कि ज्यादातर मधुमक्खी पालक नौसिखिया हैं। उन्हें मधुमक्खी पालन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
बर्लिन बीकीपर्स एसोसिएशन ने 50 से ज्यादा वॉलंटियर्स को नियुक्त किया है। ये 24 घंटे ड्यूटी करते हैं। इन्हें देखना होता है कि मधुमक्खियां किस तरह से पाली जा रही हैं और उससे लोगों को नुकसान तो नहीं हो रहा। कई लोग कार की छत और साइकिल के पहिए के फ्रेम में भी मधुमक्खी पाल रहे हैं।
मधुमक्खी के 100 छत्ते लगा चुके जोनास हॉर्निंग कहते हैं- जैसे-जैसे मधुमक्खी पालकों की संख्या में इजाफा हो रहा है, लोगों को नुकसान पहुंचाने वाली घटनाएं भी बढ़ रही हैं। घर की एंट्री, बालकनी, दरारों और खिड़कियों में लोग मधुमक्खियां पाल रहे हैं।
मधुमक्खी पालन करने वाले सामान्य रूप से ब्रीथेबल बॉक्स, तिरपाल की एक शीट, बी ब्रश और लेमनग्रास तेल मौजूद होता है। लोगों को सुरक्षित कपड़े पहनने की भी सलाह दी जाती है। हॉर्निंग कहते हैं- मधुमक्खी की कॉलोनी बनाने की एक ट्रिक है। आप रानी मधुमक्खी को बैठा दीजिए। बाकी की मधुमक्खियां उसी को फॉलो करती हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: bhaskar international story