मोदी-आबे की 2 महीने में तीसरी मुलाकात, विदेश मंत्रालय ने कहा- रक्षा और स्टार्टअप जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई
मॉस्को. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईस्टर्न इकोनॉमिक समिट (ईईएफ) में हिस्सा लेने दो दिन के दौरे पर व्लादिवोस्तोक (रूस) पहुंचे हैं। गुरुवार को यहां उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात की। बीते दो महीने में मोदी दो बार ओसाका, जापान (28-29 जून, जी-20 समिट) और बियारिट्ज, फ्रांस (26 अगस्त, जी-7 समिट) में आबे से मिल चुके हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया, ‘‘मोदी और आबे के बीच आर्थिक, सुरक्षा, रक्षा, स्टार्ट अप और 5जी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।’’ दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय हालात पर भी विचार साझा किए। विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि जापान-भारत की सालाना बैठक दिसंबर में दिल्ली में हो सकती है। तारीखों का ऐलान बाद में होगा। इसके बाद मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद और मंगोलिया के राष्ट्रपति खाल्तमागिन बतुल्गा से भी मुलाकात की।
जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया
गोखले ने बताया, ‘‘मोदी ने महातिर मोहम्मद के सामने विवादित मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया। यह भी तय किया गया कि दोनों देश के अफसर इस मसले पर आपस में संपर्क में रहेंगे। दोनों नेताओं ने भारत-मलेशिया के बीच पहली 2+2 बैठक पर सहमति जताई। इसमें दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री मुलाकात करेंगे।’’
‘आंतरिक मसले में बाहरी दखल बर्दाश्त नहीं’
4 सितंबर को मोदी ने पुतिन के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कश्मीर मसले पर कहा कि दोनों ही देश आतंरिक मामलों में बाहरी दखल के खिलाफ हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों में रक्षा, व्यापार और परमाणु क्षेत्र में दर्जनों एग्रीमेंट हुए हैं। उन्होंने कहा कि चेन्नई-व्लादिवोस्तोक जलमार्ग पर सहमति बनी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही मोदी ने पुतिन को एनुअल समिट में भारत आने का न्योता दिया।
कल मोदी पुतिन के साथ मोदी पुतिन के साथज्वेज्दा पोत निर्माण केंद्र भी देखने गए थे। व्लादिवोस्तोक में खनिज और ऊर्जा के बड़े भंडार मौजूद हैं।
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Source: bhaskar international story