सभी क्षेत्रों के जीएसटी संग्रह की होगी समीक्षा, टैक्स से बचने वाले व्यापारियों पर सरकार की नजर
जीएसटी के क्रियान्वयन में कारोबारियों को आ रही दिक्कतें दूर करने के उपायों के साथ-साथ सरकार टैक्स चुकाने से बच रहे व्यापारियों पर पैनी नजर रख रही है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी जीएसटी के शुरुआती दो माह में जुटाए गए राजस्व का क्षेत्रवार विश्लेषण कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि पहले के मुकाबले उन क्षेत्रों से राजस्व बढ़ा है या कम हुआ है। साथ ही अलग-अलग जोन में जीएसटी संग्रह की रिपोर्ट का भी गहरायी से अध्ययन किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स की जीएसटी विंग में जांच डिवीजन के अधिकारी अब तक जीएसटी संग्रह के आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं। यह विश्लेषण अभी शुरू हुआ है और यह आगे आने वाले कई महीने तक चलता रहेगा। इसका मकसद यह पता लगाना है कि किन-किन क्षेत्रों से राजस्व अपेक्षानुरूप प्राप्त हो रहा है और वे कौन से क्षेत्र हैं जहां से उम्मीद के मुताबिक राजस्व नहीं आ रहा है। साथ ही बड़े-बड़े व्यापारिक केंद्रवार भी इस तरह का विश्लेषण किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जुलाई में जीएसटी से करीब 95 हजार करोड़ रुपये खजाने में आए हैं। हालांकि इसमें केंद्र के साथ-साथ राज्यों का हिस्सा भी शामिल है। वैसे तो सरकार का दावा है कि पहले माह में जीएसटी का संग्रह अनुमान के अनुरूप रहा है लेकिन सूत्रों का मानना है कि यह आंकड़ा और अधिक होना चाहिए।
सरकार जीएसटी का क्रियान्वयन सुचारु ढंग से सुनिश्चित करने के लिए कारोबारियों की सुविधा के लिए समय-समय पर उपाय कर रही है। हाल में जुलाई का जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि पुन: बढ़ाते हुए 10 अक्टूबर कर दी। 1इसके साथ ही जांच विंग जीएसटी देने से बच रहे कारोबारियों पर पैनी नजर भी रख रही है। सूत्रों ने कहा कि अगले कुछ महीनों में लगातार आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद यह पता किया जाएगा कि किन-किन क्षेत्रों में अपेक्षानुरूप जीएसटी संग्रह नहीं हो रहा है। इसके बाद केंद्र और राज्यों के अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कदम उठाएंगे।