सेना के लेफ्टिनेंट ने 1200 किमी की रेस 90 घंटे में पूरी की, ऐसा करने वाले पहले भारतीय
पेरिस/नई दिल्ली. भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी पहले ऐसे सर्विंग जनरल बन गए हैं, जिन्होंने फ्रांस कीसबसे पुरानी 1200 किमी लंबी रेस लगातार 90 घंटे साइकिल चलाकर पूरी की। 56 साल के अनिल ने यह रेस 23 अगस्त को पेरिस-ब्रेस्ट-पेरिस के बीच पूरी की।
रेस में भारत समेत 60 देशों के 6500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें भारत के 367 लोग शामिल हुए। इनमें से केवल 80 अरडोस ट्रैक को पूरा कर पाए। बाकी बीच में ही रेस छोड़कर चले गए। यह साइक्लिंग इवेंट सबसे कठिन रेसों में एक है। क्योंकि रेस के दौरान प्रतिभागियों को टुकड़ों में 31000 फीट तक की ऊंचाई चढ़नी होती है, जो माउंट एवरेस्ट फतह करने के बराबर है। प्रतिभागी को करीब चार दिन तक बिना सोए इस रेस को पूरा करना पड़ता है। यह उपलब्धि हासिल कर अनिल पुरी भारत के उन छह सेना अधिकारियों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने अपने करिअर के दौरान कम से कम 1000 किमी बिना रुके लगातार साइक्लिंग की है।
मनुष्य का दिमाग अच्छी मशीन, जिसे उत्साहित रखने की जरूरत: अनिल पुरी
रेस पूरी करने के बाद अनिल पुरी ने कहा- ‘मनुष्य का दिमाग एक बहुत अच्छी मशीन है। जिसे उत्साहित रखने की जरूरत होती है। यह उत्साह बदलाव से आता है। हमें अपने दिमाग को उत्साहित करने के लिए हर तीन से पांच साल में भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में अपने हितों और शौक को बदलने की जरूरत होती है। घटनाक्रम का पूरा अनुभव रोमांचक था, क्योंकि यह आपको सिखाता है कि प्रकृति पर आप कभी विजय प्राप्त नहीं कर सकते।’
रेस के दौरान 35 से 3 डिग्री सेल्सियस के बीच मौसम का सामना करना पड़ा
यह रेस काफी कठिन होती है, ‘‘क्योंकि रेस के दौरान प्रतिभगियों को कई बिंदुओं पर 35 से तीन डिग्री सेल्सियस के बीच की मौसमी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा दोनों दिशाओं से आने वाली तेज हवाएं लगातार प्रतिभागियों के शारीरिक धीरज को चुनौती देती रहती हैं। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा- ‘हम भारतीय पहाड़ी इलाकों पर साइकिल नहीं चलाते हैं। हमारे ज्यादातर शहर समतल हैं। इसलिए मांसपेशियों के खराब विकास के कारण हम आसानी से थक जाते हैं।’’
लद्दाख/पुणे. महाराष्ट्र में पुणे के रहने वाले 47 साल के आशीष कासोडेकर ‘ला अल्ट्रा द हाई’ रेस पूरी करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। लद्दाख में यह रेस इंसान की शारीरिक क्षमता और जज्बे को परखने के लिए हुई। 555 किमी लंबी रेस 132 घंटे में पूरी करनी होती है। लेकिन आशीष ने इसे 126 घंटे 18 मिनट में ही पूरा कर लिया। यह रेस आशीष समेत सिर्फ तीन रनर्स ही पूरा कर पाए। इनमेंदो विदेशी थे।
उपलब्धि हासिल करने पर आशीष ने बताया कि ‘लद्दाख में ऑक्सीजन का स्तर काफी कम रहता है। इसलिए रेस के दौरान मुझे भयानक गर्मी का सामना करना पड़ा। तांग लांग ला की चढ़ाई में सूरज की किरणें रेस में बाधा बनी हुई थीं। रेस में हिस्सा लेने को लेकर मैं कंफ्यूज था। मेरी 555 किमी की कैटेगिरी में दौड़ने की पात्रता थी। मैंने सोचा कि मौका मिला है, तो पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।’ आशीष इससे पहले 2018 में लद्दाख में ही ‘ला अल्ट्रा द हाई’ रेस के तहत 333 किमी की रेस 72 घंटे से कम समय में पूरी कर चुके हैं।
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Source: bhaskar international story