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अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को किया बेनकाब, कुलभूषण केस में हरीश साल्वे ने कहा – निर्दोष को फंसाकर अपना प्रोपेगेंडा चला रहा है पाकिस्तान



इंटरनेशनल डेस्क, हेग. पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर जैश-ए-मोहम्मद के हमले के चार दिन बाद भारत और पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले में आमने-सामने हुए। पूर्व भारतीय नेवी अफसर जाधव को सुनाई मौत की सजा को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में सोमवार से सुनवाई शुरू हो गई। यह सुनवाई चार दिन चलेगी। सोमवार को भारतीय वकील हरीश साल्वे ने दलील पेश की। उन्होंंने कहा कि पाकिस्तान आईसीजे के मंच का गलत इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान जाधव के खिलाफ जासूसी के विश्वसनीय सबूत नहीं दे पाया। मंगलवार को पाकिस्तानी वकील खावर कुरैशी दलीलें पेश करेंगे। इसके बाद भारत 20 फरवरी को इस पर जवाब देगा, जबकि इस्लामाबाद 21 फरवरी को अपनी आखिरी दलीलें पेश करेगा। इस साल इस मामले में फैसला आने की उम्मीद है।

-साल्वे ने कहा- पाकिस्तान बिना देरी जाधव को काउंसलर उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है। बिना काउंसलर एक्सेस के जाधव को कस्टडी में रखे जाने को गैरकानूनी करार दिया जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान जाधव मामले का इस्तेमाल प्रोपागैंडा के लिए कर रहा है।

भारत ने ऐसे दिया करारा जवाब : पुलवामा हमले के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब हेग में भारत और पाकिस्तान के अधिकारी किसी मौके पर आमने-सामने आए हो।दरअसल, कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई से पहले भारत की तरफ से वरिष्‍ठ वकील हरीश साल्‍वे और विदेश मंत्रालय के ज्वाइंट सेकेट्री दीपक मित्तल बैठे हुए थे। इसी बीच उनकी टेबल पर पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल मंसूर खान पहुंच गए। मंसूर खान, दीपक मित्तल से हाथ मिलाने को आगे बढ़ाया,लेकिनमित्तल ने सख्ती दिखाते हुए हाथ जोड़कर अभिवादन किया। हाथ नहीं मिलाया।

कोर्ट में साल्वे ने क्या कहा :साल्वे ने कहा- 30 मार्च 2016 को भारत ने पाकिस्तान को याद दिलाया था कि जाधव को कॉन्स्युलर उपलब्ध कराया जाना है। हमें इस पर कोई जवाब नहीं मिला। अलग-अलग तारीखों में पाकिस्तान को 13 रिमाइंडर भेजे गए थे।

– 'पाकिस्तान बिना देरी जाधव को कॉन्स्युलर उपलब्धकराने के लिए बाध्य है। बिना काउंसलर एक्सेस के जाधव को कस्टडी में रखे जाने को गैरकानूनी करार दिया जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान जाधव मामले का इस्तेमाल प्रोपोगैंडा के लिए कर रहा है।'

-पाकिस्तान ने जाधव को उनके परिवार से मिलने का प्रस्ताव दिया। यह मुलाकात 25 दिसंबर 2017 को हुई। भारत इस मुलाकात के रवैये और जाधव के परिवार के साथ किए गए बर्ताव से निराश था।

– पाकिस्तान को विस्तारपूर्वक यह बताना चाहिए कि आखिर कॉन्स्युलर एक्सेस देने में 3 महीने का समय क्यों लग गया।

पाकिस्तान ने लगाया जासूसी का आरोप :पाक सैनिकों ने कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रांत से पकड़ा था। उन पर अफगानिस्तान में जासूसी के आरोप लगाए गए और मिलिट्री कोर्ट ने 10 अप्रैल 2017 को उन्हें सजा-ए-मौत सुनाई थी। इस पर रोक लगवाने के लिए भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद कोर्ट ने 2017 में जाधव को सजा पर रोक लगाई थी। हालांकि, पाकिस्तान ने कहा है कि वह कुलभूषण की सजा को नहीं बदलेगा।

कुलभूषण की सजा रद्द करने की मांग :भारत पहले कह चुका है कि कुलभूषण जाधव जासूस नहीं हैं। बल्कि पाक सैनिकों ने उन्हें अफगानिस्तान बॉर्डर से किडनैप किया था। भारत ने कोर्ट से अपील की है कि पाकिस्तान को जाधव की सजा रद्द करने का आदेश दिया जाए। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान ने विएना संधि का उल्लंघन कर कुलभूषण को कॉन्स्युलर एक्सेस मुहैया नहीं कराई और मानवाधिकारों का भी उल्लंघन किया।

जाधव की फैमिली को भी प्रताड़ित किया था :कुलभूषण का परिवार उनसे मिलने 2017 में पाकिस्तान गया था। तब उनके परिवार को प्रताड़ित किया गया था। मुलाकात के दौरान जाधव और परिवार सीसीटीवी की निगरानी में था और उनके बीच एक कांच की दीवार थी।

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दीपक मित्तल (हाथ जोड़ते हुए)


कुलभूषण जाधव


भारतीय वकील हरीश साल्वे ने दलील पेश की

Source: bhaskar international story

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