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इराक-ईरान के साथ बढ़ते तनाव को देख अमेरिका ने दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुलाया



वॉशिंगटन. अमेरिका ने बुधवार को बगदाद और इर्बिल दूतावास में नियुक्त अमेरिकीकर्मचारियों को देश छोड़ने का आदेश दे दिया है। केवल आपातकालीन स्टाफ ही दूतावासमें रहेगा। बीते कुछ दिनों से अमेरिका, इराक और ईरान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। दरअसल, वाशिंगटन ने ईरान पर आरोप लगाया था कि वह गल्फ मेंउन स्थानों पर हमला करने की कोशिश में है,जहां अमेरिकी सेना तैनात है।

अमेरिकी दूतावास ने इराक में कहा कि बगदाद और इर्बिल के लिए सामान्य वीजा सर्विस अस्थाई रूप से बंद कर दी गई है। अमेरिकी सरकार के पास सीमित अधिकार हैं,जिनके अंतर्गत अमेरिकी नागरिकों को इराक में नौकरी करने की अनुमति दी जा सकती है।

परमाणु समझौते को लेकर तनाव चरम पर

अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर तनाव चरम पर है। ट्रम्प प्रशासन ने ईरान की परमाणु परीक्षण की धमकियों के बाद मध्यपूर्व में अपना नौसैना आक्रमण दल तैनात कर दिया है। हाल ही में खबर आई थी कि ईरान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका मध्यपूर्व में 1 लाख 20 हजार सैनिकों का बेड़ा भेज सकता है। हालांकि, ट्रम्प प्रशासन और ईरान की ओर सेऐसी किसी भी आशंका से इनकार किया गया है।

ट्रम्प ने कहा- हमारी ऐसी कोई योजना नहीं

अमेरिका अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने सरकारीअफसरों के हवाले से दावा किया था कि ट्रम्प मध्यपूर्व में सेना को और ज्यादा बल देना चाहते हैं, लेकिन ट्रम्प ने इसे फेक न्यूज बताया है। उन्होंने कहा था कि हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है। अगर कभी ऐसी कोई संभावना बनी तो हम इससे ज्यादा ताकतवर सेना भेजेंगे।

खमनेई ने कहा- कोई युद्ध नहीं होगा

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमनेई ने मंगलवार को कहा था कि अमेरिका के साथ कोई युद्ध नहीं होगा। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ईरान, अमेरिका का सामना करने के लिए आक्रामक रवैया अपना सकता है। लेकिन खमनेई ने कहा ईरान और अमेरिका युद्ध नहीं चाहते हैं। मगर हम ट्रम्प के साथ समझौता नहीं करेंगे। यह देश के लिए जहर हो सकता है। अमेरिका हमारे सारे मिसाइल और तकनीक लेना चाहता है।

पाकिस्तान ने कहा- स्थिति पर हमारी नजर
पाकिस्तान ने कहा कि वह अमेरिका और ईरान कीस्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि हम जल्द ही ऐसी योजना बनाएंगे जिससे पाक के हितों को नुकसान न पहुंचे। दरअसल, पाक-ईरान के साथ गैस पाइपलाइन के निर्माण में जुटा है। लेकिन अमेरिका के प्रतिबंधों की वजह से उसका प्रोजेक्ट बीच में ही अटक गया है। इसी को लेकर पाकिस्तान-ईरान के साथ बातचीत की कोशिशों में जुटा है।

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ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खमनेई (बाएं) और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (दाएं)

Source: bhaskar international story

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