ईरानी संसद ने अमेरिकी सेना को आतंकी समूह का दर्जा दिया
तेहरान. ईरान की संसद ने मंगलवार को एक बिल पास किया। इसके मुताबिक अमेरिकी नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले समस्त सैन्यबलों, संगठनों को आतंकवादी समूह कोदर्जा दिया गया। यह फैसला अमेरिका के द्वारा ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गॉर्ड्स कॉर्प्स को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद लिया गया है। इस कदम के बाद आई रिपोर्ट के मुताबिक भारत अब ईरान से तेल आयात नहीं करेगा। भारत नेविकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है।
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के रिवोल्यूशन गॉर्ड्स कॉर्प्स को आतंकी बताए जाने के कारण ईरान के द्वारा वहांशांति स्थापित करने के प्रयास कमजोर हुए हैं। सोमवार को अमेरिका की ओर से बयान जारी किया गया था कि वह अब किसी भी देश को ईरान का तेल खरीदने के लिए ज्यादा अधिक रियायत देने के मूड में नहीं है।
वहीं अमेरिका के कदम से ईरान में खासी नाराजगीहै।मंगलवार को ईरानी संसद में मौजूद 215 सांसदों में से 173 ने अमेरिका के खिलाफ लाए गए इस बिल का समर्थन किया। अमेरिका ने पिछले साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ा था। ईरान पर लगाए गए सभी प्रतिबंध दोबारा लागू कर दिए थे।
अमेरिका के द्वारा इस्लामिक रिवोल्यूशन गॉर्ड्स कॉर्प्स को आतंकी संगठन बताए जाने के विरोध में लोगों ने अमेरिका और इजरायल के झंडों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने इन देशों के विरोध में नारे भी लगाए। वहीं भारत ने ईरान से तेल आयात करने पर रोक लगाने का मन बना लिया है। अब विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
सेंटकॉम का सुनियोजन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 1 जनवरी 1983 को किया था। इसका उद्देश्य मिडिल ईस्ट देशोंमें अमेरिका के हितों को समर्थन देना था। इसमें अफ्रीका से सेंट्रल एशिया तक के हिस्से की सुरक्षा का दारोमदार अमेरिकी सेना के जिम्मे था।
सेंटकॉम के अंतर्गत अमेरिकी सैन्य बलों के साथ कुछ संगठन भी शामिल हैं। जिन पर इराक, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत अरेबियन पेनिन्सुला, दक्षिणी लाल सागर और सेंट्रल एशिया के पांच गणराज्यों में अमेरिका के हितों की रक्षा करने का जिम्मा है।
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Source: bhaskar international story