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ईरान का हिरकानियन वन और चीन का पक्षी अभयारण विश्व विरासत सूची में



तेहरान. यूनेस्को की विश्व विरासत समिति ने ईरान के हिरकानियन वन को प्राकृतिक स्थल के रूप में अपनी विरासत सूची में जगह दी। समिति ने यहां की उत्कृष्ट फूलों की जैव-विविधता की तारीफ की। इससे पहले अजरबैजान की राजधानी बाकू में विश्व विरासत समिति की शुक्रवार को बैठक हुई। इसमें चीन के प्रवासी पक्षी अभयारण को भी सूची में शामिल किया गया।

ऐतिहासिक हिरकानियन वन कैस्पियन सागर की तट से लगे ईरान के उत्तरी भाग में 850 किमी के क्षेत्र में फैला है। समिति ने कहा- इस वन की जैव-विविधता अनूठी है। ईरान के वैस्कुलर प्लांट का 44% भाग इसी हिरकानियन वन में पाया जाता है।रिपोर्ट के मुताबिक पांच करोड़ वर्ष पुराने इस वन में पर्शियन तेंदुआ समेत करीब 60 अन्य स्तनधारी जीवों की प्रजाति मौजूद हैं। यहां पर पक्षियों की 160 प्रजातियां हैं।

लुट मरुस्थल भी यूनेस्को की सूची में

ईरान के दक्षिण-पश्चिम इलाके में एक अन्य प्राकृतिक स्थल “लुट मरुस्थल” भी यूनेस्को की सूची में शामिल। इसे तीन साल पहले इस सूची में शामिल किया गया। वर्तमान में ईरान के कुल 22 सांस्कृतिक स्थल विश्व विरासत की सूची में शामिल हैं।

चीन कीबोहाई की खाड़ी और यलो सागर केतट से लगे प्रवासी पक्षी अभ्यारण्य को भी यूनेस्को ने प्राकृतिक स्थल के तहत विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है। समिति ने चीन के इस स्थल को सर्वसम्मति से इस सूची में शामिल करने के लिए मत दिया।

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हिरकानियन वन। -फाइल

Source: bhaskar international story

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