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उबर और लिफ्ट आईपीओ में शेयर खरीदने के लिए अपने ड्राइवरों को पैसे देंगी



सैन फ्रांसिस्को. टैक्सी एग्रीगेटर कंपनियां उबर और लिफ्ट इस साल अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट होने जा रही हैं। दोनों ने ऐसी योजना बनाई है जिससे इनके ड्राइवर्स को भी कंपनी में मालिकाना हक मिल सके। क्योंकि, इन कंपनियों के बहुत से पूर्णकालिक कर्मचारियों के पास तो स्टॉक ऑप्शन हैं, जिन्हें वो आईपीओ के बाद भुना सकते हैं। लेकिन लाखों ड्राइवर स्वतंत्र कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर कंपनी से जुड़े हैं। वे स्टॉक ऑप्शन के हकदार नहीं हैं।

  1. अमेरिका के बिजनेस अखबार वॉलस्ट्रीट जर्नल के मुताबिक दोनों कंपनियां पुराने ड्राइवरों को नकद पैसे देंगी ताकि वो आईपीओ के समय कंपनी के स्टॉक खरीद सकें। सिलिकॉन वैली में उबर और लिफ्ट के इस कदम का स्वागत किया जा रहा है।

  2. उबर और लिफ्ट के ड्राइवर्स का नजरिया थोड़ा अलग है। वे इसे सांकेतिक कदम मान रहे हैं। उनकी मांग वेतन बढ़ाने की है ताकि वे खुद अच्छी कंपनियों के स्टॉक खरीदने में सक्षम हो सकें।

  3. ड्राइवर्स के संगठन न्यूयॉर्क टैक्सी वर्कर्स एलायंस के कार्यकारी निदेशक (ईडी) भैरवी देसाई ने कहा, कंपनियां इन ड्राइवर्स की मेहनत के बल पर बड़ी हो रही हैं। इन्हें छोटी सी रकम देना थप्पड़ मारने जैसा है। ड्राइवरों को स्टॉक से पैसा कमाने का वैसा मौका नहीं मिलेगा, जैसा कंपनी के दूसरे कर्मचारियों को मिलेगा।

  4. उबर और लिफ्ट के आईपीओ से सिलिकॉन वैली में अरबपतियों का एक नया वर्ग तैयार होगा। आईपीओ में उबर का वैल्यूएशन 120 अरब डॉलर (8.5 लाख करोड़ रुपए) आंके जाने का अनुमान है। इसके एक संस्थापक ट्रैविस कलानिक पहले से ही निजी निवेशकों को कंपनी के कुछ स्टॉक बेचकर अरबपति बन गए हैं। लिफ्ट में जब आखिरी बार निवेश हुआ था तब इसकी वैलुएशन एक लाख करोड़ रुपए आंकी गई थी।

  5. ड्राइवर लंबे समय से खुद को पूर्णकालिक कर्मचारी के तौर पर जोड़े जाने की मांग कर रहे हैं। इससे उन्हें हेल्थकेयर और भत्तों का लाभ मिलेगा। लेकिन कंपनियां इसे नकारती आई हैं। हालांकि उबर ने डेढ़ साल में ड्राइवरों के साथ संबंध बेहतर बनाने की कोशिश की है।

  6. ड्राइवर्स को 2017 में पहली बार टिप लेने की अनुमति मिली। अक्टूबर में उबर ने एसईसी से कर्मचारी नहीं होने के बावजूद ड्राइवरों को शेयर देने की अनुमति मांगी थी। हालांकि एसईसी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है।

  7. लिफ्ट ने 10,000 राइड्स पूरी करने वाले ड्राइवर्स को एक हजार डॉलर (70,000 रुपए) देने की योजना बनाई है। 20,000 राइड्स पूरी करने वालों को 10,000 डॉलर (7 लाख रुपए) मिलेंगे। उबर भी ऐसी योजना पर काम कर रही है। जो ड्राइवर आईपीओ में हिस्सा नहीं लेना चाहते, वे नकद राशि को बोनस के रूप में भी रख सकेंगे।

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      प्रतीकात्मक तस्वीर।

      Source: bhaskar international story

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