ऑनलाइन कंपनियां डार्क पैटर्न अपना कर ग्राहकों को खरीदारी के लिए मजबूर करती हैं, थर्ड पार्टी एप का सहारा भी लिया जाता है
न्यूयॉर्क . प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी की रिसर्च से खुलासा हुआ है कि कई ऑनलाइन रिटेल कंपनियां ग्राहकों को सामान खरीदने को मजबूर करने के लिए डार्क पैटर्न्स अपनाती हैं। डार्क पैटर्न्स उन तरीकों को कहा जाता है जिन्हें गलत माना जाता है। इस रिसर्च में 11 हजार ऑनलाइन रिटेल वेबसाइटों का अध्ययन किया गया है। इनमें से 1267 (11.2%) वेबसाइट डार्क पैटर्न्स अपना कर ग्राहकों से सामान खरीदवाती हैं। रिसर्च में 1841 ऐसे मामलों का जिक्र किया गया है जिनमें ग्राहक डार्क पैटर्न्स का शिकार हुए।
कई कंपनियां डार्क पैटर्न के लिए थर्ड पार्टी एप्स की सर्विस भी लेती हैं। यानी वे खुद ऐसे सॉफ्टवेयर नहीं बनाती हैं, बल्कि ये दूसरी कंपनियों से ऐसी सेवाएं लेती हैं। सबसे ज्यादा अपनाए जाने वाले तरीके के तहत यूजर को दूसरे ऐसे ग्राहकों के बारे में बताया जाता है जिन्होंने यह सामान खरीदकर पैसे बचाए। जैसे ही आप किसी प्रोडक्ट के पेज पर जाते हैं आपके सामने मैसेज आता है कि आपके की शहर के किसी ग्राहक ने यह सामान खरीदकर अपने इतने पैसे बचा लिए। लेकिन, सच्चाई यह होती है कि ऐसा कोई दूसरा ग्राहक वास्तव में मौजूद होता ही नहीं है। यूजर के लोकेशन के हिसाब से किसी छद्म ग्राहक के बारे में बताया जाता है।
इसके अलावा ये वेबसाइट यूजर को जानबूझकर ऐसे प्रोडक्ट के पेज पर ले जाते हैं जिसे आमतौर पर वह खरीदना नहीं चाहता। इसे डेलिबरेट मिसडाइरेक्शन कहा जाता है। आप किसी प्रोडक्ट को सर्च कर रहे होते हैं। उसके नीचे रिटेल वेबसाइट अच्छी तस्वीरों और झांसा देने वाले संदेशों के जरिए आपको उन प्रोडक्ट के बारे में बताते हैं जिनके बिकने से उन्हें ज्यादा फायदा होता है।
इन सबके अलावा आपसे आपके बारे में जरूरत से ज्यादा जानकारी हासिल करना, ई-मेल सर्विस के लिए साइन इन करवा लेना, ऑर्डर कैंसिल करना मुश्किल बनाना आदि भी डार्क पैटर्न की श्रेणी में आता है। रिसर्च पेपर में ऐसे 15 पैटर्न की पहचान की गई है।
अमेरिकी संसद डार्क पैटर्न को रोकने के लिए कानून बना रही है :अमेरिका में ऑनलाइन रिटेल वेबसाइटों की डार्क पैटर्न गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए कानून बनाने पर विचार चल रहा है। रिपब्लिकन सिनेटर डेब फिशर और डेमोक्रैट सिनेटर मार्क वार्नर इससे जुड़े बिल पर काम करे हैं। इस बिल में डार्क पैटर्न को गैरकानूनी बनाने और ऐसा करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान होगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: bhaskar international story