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काबुल धमाकों के बाद ट्रम्प ने तालिबानी नेताओं के साथ शांति वार्ता रद्द की, कहा- वे झूठा दिलासा देने आ रहे थे



वॉशिंगटन. पिछले हफ्ते काबुल में हुए तालिबानी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान केराष्ट्रपति अशरफ गनी और तालिबान नेताओं के साथ शांति वार्तारद्द कर दी। वार्ता रविवार (8 सितंबर) कोकैंप डेविड में होनी थी। अमेरिकी राष्ट्रपतिनेकाबुल में 5 सितंबर को हुए कार धमाके में एक अमेरिकी सैनिक समेत 12 लोगों की मौत के बाद यह फैसला किया।

ट्रम्प ने कहा, ‘‘तालिबान के बड़े नेता, अलगाववादी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अमेरिका आ रहे थे। रविवार को मेरी उनके साथ कैम्प डेविड में शांति वार्ताहोनी थी। दुर्भाग्य सेवे सिर्फ झूठा दिलासा देने के लिए आ रहे थे। उन्होंने (तालिबान ने) काबुल में हुए हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें हमाराएक महान सैनिक और 11 लोग मारे गए। मैं तत्काल प्रभाव से यह वार्ता स्थगित करता हूं।’’

2001 से अब तक 2300 अमेरिकी सैनिक जान गंवा चुके

अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में तालिबान और आंतकवाद के खिलाफ 18 साल से लड़ रही है।2001 के बाद से अब तक 2300 से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों समेत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन सेनाओं के करीब 3500 सदस्यों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी फरवरी 2019 की रिपोर्ट में कहा था कि 32 हजार नागरिक इस लड़ाई में अपनी जान गंवा चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, अगर ट्रम्प और तालिबानी नेताओं के बीच शांति वार्ता में समझौता होता, तो अमेरिका अपने 5 हजार सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुला लेता।

हजारा समुदाय की शादी में धमाका हुआ था
17 अगस्त को काबुल में एक शादी समारोह में आत्मघाती धमाका हुआ था। इसमें करीब 63 लोगों की मौत हुई, जबकि 182 घायल हो गए थे। अफगान के पत्रकार बिलाल सरवरी के मुताबिक, हजारा समुदाय की शादी में धमाका हुआ था। यह घटना दारुलमान इलाके में हुई थी। जहां अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय के लोग काफी संख्या में रहते हैं।

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डोनाल्ड ट्रम्प।

Source: bhaskar international story

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