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कार रेंटल कंपनी का कर्मचारी पानी में ड्रग्स मिला देता था, ताकि साथियों का मूड ठीक रहे



मिसोरी (अमेरिका). सहकर्मियों का मूड ठीक करने या उन्हें सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज करने के लिए आप क्या उपाय अपनाएंगे? हो सकता है आप उन्हें जोक सुनाएंगे या फिर बातचीत से उन्हें सुकून देने की कोशिश करेंगे लेकिन अमेरिका के मिसोरी की एक कार रेंटल कंपनी के कर्मचारी ने इससे एक कदम आगे जाकर कारनामा कर दिखाया है। वह सहकर्मियों के पानी और कोल्ड ड्रिंक में मूड बदलने वाली ड्रग्स मिला देता था। उसे लगता था कि साथियों में निगेटिविटी ज्यादा है।

  1. कंपनी को इस बात का पता तब चला जब दो कर्मचारियों की हालत खराब हो गई और उन्हें हॉस्पिटल ले जाना पड़ा। इलाज के दौरान उनके शरीर में मूड चेजिंग केमिकल वाली दवाई (एलएसडी) पाई गई। दअसल इन दोनों महिला कर्मचारियों को चक्कर आ रहे थे और शरीर में झटके भी महसूस हो रहे थे। इसलिए कंपनी के मालिक ने तत्काल उन्हें सेंट लुई काउंटी के मर्सी हॉस्पिटल भेजने का फैसला लिया। उन्होंने पुलिस को भी सूचना दी।

  2. पुलिस द्वारा सख्ती बरतने पर उस कर्मचारी ने स्वीकार किया कि वह साथियों के पानी के जग और कोल्ड ड्रिंक्स में दवा की कुछ बूंदें डाल देता था। उसकी साथियों से कई मुद्दों पर कहासुनी हो जाती थी। इसलिए उसे लगता था कि साथियों में निगेटिवटी ज्यादा है। वह करीब 6 माह से ऐसा कर रहा था। पुलिस अभी आरोपी से और पूछताछ कर रही है। लैब से रिपोर्ट आने के बाद उस पर केस दर्ज किया जाएगा।

  3. उधर ऑफिस के सभी कर्मचारी डरे हुए हैं। किसी से बात नहीं कर रहे हैं, काम पर भी नहीं आ रहे हैं। दोनों महिला कर्मियों को अस्पताल से छुट्‌टी दे दी गई है, वे भी ऑफिस आने के लिए तैयार नहीं हैं।

  4. एलएसडी (लिसर्जिक एसिड डाइएथेलेमाइड) का इस्तेमाल रिक्रिएशनल ड्रग के तौर पर होता है। इसे सबसे ज्यादा असरदार मूड चेंजिंग केमिकल माना जाता है। इस दवा को लेने पर व्यक्ति संतुलन खो देता है। ऐसी बातें सोचने लगता है जिनका वास्तविक दुनिया से कोई लेना-देना नहीं होता। सब अच्छा लगने लगता है। एक डोज का असर शरीर में 12 घंटे तक रहता है।

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      employee mixed drugs into drink to change the mood of staff in america

      Source: bhaskar international story

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