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कैंसर पीड़ित बच्चों की फुटबॉल टीम; फिट टीमों से खेलते हैं ताकि बीमारी से लड़ने का हौसला बना रहे



गाजा. फिलीस्तीन में कैंसर से जूझ रहे बच्चों की एक फुटबॉल टीम बनाई गई है। इसके जरिए बच्चे बीमारी से लड़ना सीख रहे हैं। इस टीम के बच्चे क्लब की फिट टीमों के साथ खेलते हैं ताकि उनमें हौसला बना रहे।

  1. कैंसर पीड़ित बच्चों की टीम प्रैक्टिस के दौरान वॉर्मअप भी करती है। 14 साल के मोअतसिम अल-नबीह ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित हैं लेकिन फुटबॉल की ड्रेस (पीली टी-शर्ट और नीला पैंट) पहनकर खेलने आते हैं। वह कहते हैं कि मैं खुश हूं, मैं खेल रहा हूं और मेरे दोस्त भी बने हैं। हम न केवल खेल सकते हैं, बल्कि इस बीमारी को हरा भी सकते हैं।

  2. कैंसर पीड़ित बच्चों की फुटबॉल टीम का नाम ‘टीम होप’ है। गाजा के सबसे बड़े फुटबॉल क्लब चैंपियंस एकेडमी ने इसे पांच महीने पहले बनाया था। इसमें 12 से 17 साल की उम्र के 18 खिलाड़ी हैं। ये सभी कैंसर का सामना कर रहे हैं। टीम होप क्लब के फिट खिलाड़ियों की टीम से मैच खेलती है।

  3. चैंपियंस एकेडमी के सीईओ रजब सराज कहते हैं कि गाजा या दुनिया में कहीं भी रहने वाले बच्चों की तरह इनके (टीम होप के खिलाड़ियों) भी लक्ष्य हैं। ये बच्चे भी फुटबॉलर बनना चाहते हैं। हम इनका सपना पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

  4. बकौल सराज, टीम होप के खिलाड़ियों से कोई फीस नहीं ली जाती। इन्हें हफ्ते में एक दिन एक घंटा ट्रेनिंग दी जाती है। बच्चों के लिए डॉक्टर भी बुलाया जाता है।

  5. मोअतसिम की मां सुहीर अल-नबीह कहती हैं कि फुटबॉल ने मेरे बच्चे की जिंदगी बदलकर रख दी है। पहले वह पूरे समय उदास और अकेला रहता था। अब उसे फुटबॉल रास आने लगी है। अब वह जिंदगी की कीमत समझने लगा है।

  6. गाजा, इजरायल और मिस्र से सटी एक छोटी सी पट्टी है। यहां 20 लाख फिलीस्तीनी रहते हैं। गरीबी और बेरोजगारी यहां की प्रमुख समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, गाजा में मेडिकल इक्विपमेंट और दवाओं की कमी के चलते कैंसर पीड़ितों का सही इलाज नहीं हो पाता।

  7. गाजा के सबसे बड़े अस्पताल शिफा के चीफ ऑन्कोलॉजिस्ट खालिद ताबेत कहते हैं कि कैंसर के ज्यादातर मरीजों को इजरायल, वेस्ट बैंक या फिर विदेश ट्रांसफर कर दिया जाता है। फिलीस्तीन का इजरायल और मिस्र के साथ विवाद है। इजरायल की आतंकी संगठन हमास के साथ जंग चलती रहती है। लिहाजा कैंसर मरीजों के सीमा पार करने में काफी सावधानी बरती जाती है।

  8. फिलीस्तीन के कैंसर पीड़ितोंको इजरायल की तरफ से स्पेशल परमिट जारी किया जाता है ताकि वे इलाज कराने आ सकें। डब्ल्यूटीओ के मुताबिक- 2018 में इजरायल की तरफ से गाजा की तरफ से भेजे गए 75.6% कैंसर मरीजों के आवेदनों को मंजूरी दी। 2017 की तुलना से यह आंकड़ा 12% ज्यादा है। मिस्र ने गाजा के कैंसर मरीजों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं लगाए हैं।

  9. ताबेत के मुताबिक- हमारे यहां हर साल कैंसर के 1800 से 1900 नए केस आ रहे हैं। समस्या यह है कि केस तो बढ़ रहे हैं, लेकिन इलाज की सुविधाएं जहां की तहां हैं।

  10. गाजा के रेन्तीसी हॉस्पिटल में अमेरिकी सहयोग से फिलीस्तीन चिल्ड्रंस रिलीफ फंड बनाया गया है। इसके अध्यक्ष स्टीव सोसेबी का कहना है कि एक बच्चे के इलाज में करीब 35 लॉख डॉलर (करीब 24 करोड़ रु) का खर्च आता है। हमारा संगठन इसका 80% खर्च उठाएगा।

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      टीम होप में 12 से 17 साल की उम्र के बीच के 18 खिलाड़ी हैं।


      टीम होप फिट खिलाड़ियों की टीम से मैच खेलती है।

      Source: bhaskar international story

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