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घरों की कीमत अमेरिका-ब्रिटेन से भी ज्यादा, परेशानी बढ़ी; सरकार बनाएगी एक लाख मकान



वेलिंगटन. न्यूजीलैंड में लोगों के पासघरों का न होना बड़ी समस्या बनता जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां मकान बहुत महंगे हैं।इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने 10 साल में रियायती कीमत वाले एक लाख घर बनाने का ऐलान किया है।हालांकि, यह योजना शुरुआत में ही नाकाम होती नजर आ रही है। इसके तहत पिछले साल जुलाई में 1000 घर बनाए जाने थे, लेकिन अभी सिर्फ47 ही बन पाए हैं।

  1. एक लाख नए घरों की योजना को कीवीबिल्ड नाम दिया गया है। न्यूजीलैंड में प्रॉपर्टी की कीमत अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा है। एक शोध के मुताबिक, पूरे न्यूजीलैंड में लोगों के लिए खुद का घर वहन करना मुश्किल होता जा रहा है।

  2. द डेमोग्राफिया इंटरनेशनल की रिपोर्ट में सात अमीर देशों में मध्यम आय वर्ग के लिए मध्यम स्तर के घरों का अध्ययन किया गया। इसमें हॉन्गकॉन्ग को भीन्यूजीलैंड से कम कीमतों वाला करार दिया गया। 2018 की तीसरी तिमाही में न्यूजीलैंड में औसत दर्जे के एक घर की कीमत सालानाऔसत आय की साढ़े छह गुना थी।

  3. रिपोर्ट के लेखक ह्यू पेवलेटिच का कहना है कि न्यूजीलैंड की तुलना में ऑस्ट्रेलिया में घरों की कीमत कुछ कम रही है। न्यूजीलैंड में 2017 में जेसिंडा आर्डर्न की सरकार ने सत्ता संभाली थी। तब से वह एक लाख घरों के लिए जमीन देने की बजाय योजना परजरूरत से ज्यादा चर्चा कर चुकी है।

  4. उधर, विपक्षी दलों ने कहा है कि आर्डर्न की महत्वाकांक्षी योजना से लोगों को महंगे मकानों से राहत मिलने की उम्मीद कम ही है।वहीं, आर्डर्न ने भी बुधवार को फिर से कहा कि वह 10 साल में एक लाख घर बनाएंगी।

  5. सरकार शुरुआती स्तर पर योजना का तय लक्ष्य पाने में नाकाम रही। अब उसने जुलाई 2019 तक 300 मकान बनाने का टारगेट रखा है।देश के हाउसिंग मिनिस्टर फिल ट्वाइफोर्ड ने तर्क दिया कि कुछ इलाकों में घर की मांग हमारी उम्मीद से कम निकली।

  6. कीवीबिल्ड की राजनीतिक हल्कों में काफी आलोचना हो रही है। नेताओं का कहना है किसरकार की ओर से बनाए जारहे मकान उनकी गुणवत्ता की तुलना में महंगे हैं। उधर,ट्वाइफोर्ड का कहना है कि बीते 40 साल में इस काम को किसी और सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया।

  7. ऑकलैंड के एक हाउसिंग इकोनॉमिस्ट शामुबील ईकुब कहते हैं- कीवीबिल्ड के तहत घर बनाने या खरीदने के लिए सरकार की तरफ से कोई सब्सिडी नहीं दी जा रही। लिहाजा इसमें कम ही बिल्डर्स शामिल हो रहे हैं।

  8. ईकुब के मुताबिक- न्यूजीलैंड में घरों की कमी की वजह कंस्ट्रक्शन का कॉटेज इंडस्ट्री में तब्दील हो जाना है। यह मांग पूरी करने में नाकाम रही। न्यूजीलैंड में पांच लाख घरों की कमी है। ये ज्यादा इसलिए है कि यहां सरकार कई दशकों से लोगों के लिए घर नहीं बना रही।

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      एक शोध के मुताबिक, पूरे न्यूजीलैंड में लोगों के लिए खुद का घर वहन करना मुश्किल होता जा रहा है। (फाइल)

      Source: bhaskar international story

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