चीन में तेजी से बढ़ी फलों की खपत, मई में आयात 8 गुना बढ़ा, केले की सबसे ज्यादा डिमांड
बीजिंग. भारत की ही तरह चीन में भी मिडिल क्लास तेजी से बढ़ा है। साथ ही स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता भी काफी बढ़ी है। चीन ने मई 2019 में 7.2 लाख टन फलों और नट्स का आयात किया है। यह 2018 के मई की तुलना में करीब आठ गुना ज्यादा है। फलों में केले की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है। चीन ने मई 2019 में 2.27 लाख टन केले का आयात किया। चीन में फलों की बढ़ती लोकप्रियता का फायदा दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण अमेरिका के देशों को सबसे ज्यादा हुआ।
जापान की जगह चीन बढ़ा बाजार बना
फिलिपींस और कोस्टा रिका जैसे केला निर्यातक देशों के लिए जापान बड़ा बाजार था, लेकिन अब चीन ने जापान को रिप्लेस कर दिया। 2018 में फिलिपींस से होने वाले कुल केला निर्यात का दो तिहाई हिस्सा चीन पहुंचा था। मैक्सिको और कंबोडिया के केला निर्यातकों के लिए भी चीन अब सबसे बड़ा बाजार बन गया है। 2018 में चीन ने कुल 15.4 लाख टन केले का आयात किया था। यह 2017 की तुलना में 50% ज्यादा है। इस साल 20 लाख टन आयात का अनुमान है।
मांग बढ़ी तो महंगे हुए फल
डिमांड में तेजी आने के कारण चीन में फलों की कीमत में भी काफी इजाफा हुआ है। यह चीन की खुदरा महंगाई दर में भी इजाफा कर रहा है। एक साल में केले की कीमत में ही करीब 30% की तेजी आई है। चीन के अंदर केले की पैदावार में आई कमी भी आयात में तेजी का कारण मानी जा रही है। पिछले कुछ सालों से पनामा डिजीज नाम के फंगस इन्फेक्शन के कारण चीन में केले की पैदावार कम हुई है।
10 हजार गुना बढ़ा एवोकाडो का आयात
केले के अलावा चेरी, एवोकाडो और डुरियन जैसे विदेशी फलों की मांग भी चीन में काफी बढ़ी है। इन फलों को स्वास्थ्य के लिए बेहतर बताया जाता है। पिछले सात साल में चीन में एवोकाडो का आयात 10 हजार गुना बढ़ा है। चीन चेरी का सबसे ज्यादा आयात चिली से करता है। 2018 में चिली से चेरी के कुल निर्यात का करीब 70% चीन को किया गया। चिली से आने वाले चेरी पर चीन कोई आयात शुल्क नहीं लगाता है।
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Source: bhaskar international story