जलवायु परिवर्तन के कारण 700 साल पुराना ग्लेशियर खत्म, लोगों ने उसकी याद में शोक मनाया
रिक्जाविक. आइसलैंड का 700 साल पुराना ओकोजोकुल ग्लेशियर पूरी तरह पिघल गया। दावा है कि क्लाइमेट चेंज की वजह से खत्म होने वाला यह दुनिया का पहला ग्लेशियर है। इसकी याद में रविवार को आइसलैंड में शोक मनाया गया। प्रधानमंत्री कैटरीन जोकोबस्दोतियर के साथ में मंत्रियों ने ग्लेशियर को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री ने शोक संदेश में कहा, “हमें स्वीकार करना होगाहैयह जो हो रहा है वह ठीक नहीं। इसे रोकना होगा। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाने की जरूरत हैं।”इससे पहले राइस विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर सायमीनी हावे ने जुलाई में कहा था, “जलवायु परिवर्तन के कारण अपना अस्तित्व खोने वाला दुनिया का पहला ग्लेशियर आइसलैंड का ओकोजोकुल ही होगा।”इसे आधिकारिक तौर पर 2014 में लगभग खत्म मान लिया गया था।
ग्लेशियर के शोक में बनाई कांस्य पट्टिका
ग्लेशियर की याद में सरकार ने कांस्य पट्टिका बनाई है। इसका अनावरण प्रधानमंत्री कैटरीन नेकिया। पटि्टका में ग्लेशियर की वर्तमान स्थिति और बाकी बचे ग्लेशियर के भविष्य को लेकर चिंता जताई गई है। इस मौके पर कैटरीन जोकोबस्दोतियर के साथ पर्यावरण मंत्री गुडमुंडुर इनगी गुडब्रॉन्डसन और संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त मेरी रॉबिन्सन मौजूद थे।
38 वर्ग किमी से 1 किमी में सिमट गया थाओकजोकुल
आइसलैंड के पश्चिमी सब-आर्कटिक हिस्से में ओक ज्वालामुखी पर ओकजोकुल स्थित था। बीते सालों से यह तेजी से पिघल रहा था। लिहाजा इसके खत्म होने की आशंका जताई जा रही थी। 14 सितंबर 1986 को इसकी सैटेलाइट इमेज जारी की गई थी।1901 में ग्लेशियर करीब 38 वर्ग फीट किलोमीटर में फैला था जो अब घटकर 1 वर्ग किलोमीटर से भी कम में बचा है।
आइसलैंड में 11 बिलियन टन प्रति साल बर्फ पिघल रही है
जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है किआइसलैंड के 400 ग्लेशियर इसी तरह खत्म हो सकते हैं। यहां बर्फ पिघलने की मौजूदा दर प्रति साल 11 बिलियन टन है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के मुताबिक, अगर ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम नहीं किया गया तो अगले 100 साल मेंदुनिया के आधे से अधिक ग्लेशियर पिघल जाएंगे।
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Source: bhaskar international story