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टेस्टिकल कैंसर का पता लगाने के लिए बनी दुनिया की पहली रोबोटिक मशीन



वेलिंगटन. न्यूजीलैंड में अंडकोष (टेस्टिकल) कैंसर का पता लगाने के लिए एक मशीन लॉन्च की गई है। टेस्टीमेटिक मशीन को बूथ की तरह स्थापित किया जाएगा। लिहाजा अंडकोष कैंसर का पता करने के लिए पुरुषों को डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। अंडकोष कैंसर सामान्य रूप से 15 से 45 साल के उम्र वाले पुरुषों को होता है।

ऑकलैंड के एक्सपो बिग बॉय टॉयज में टेस्टिमेटिक का प्रदर्शन किया गया। इसे दुनिया में टेस्टिकल कैंसर का पता लगाने वाली पहली मशीन बताया जा रहा है।

बूथ की तरह लगाई जाएंगी
मशीन को बनाने का मकसद लोगों में टेस्टिकल कैंसर को लेकर जागरूकता पैदा करना है। टेस्टिमेटिक मशीनें बूथ की तरह लगाई जाएंगी। व्यक्ति कहीं भी खड़े होकर जांच कर सके, इसके लिए इसमें पर्दे लगाए गए हैं। पीड़ित व्यक्ति के टेस्टिकल्स चेक करने के लिए एक आर्टिफिशियल हाथ लगाया है। इसमें पीड़ित व्यक्ति को कोई दर्द भी नहीं होगा। सामान्य रूप से बीमारी को चैक करने डॉक्टर टेस्टिकल्स में एक छोटा सा छेद करता है, इसमें दर्द होता है।

90% केस ठीक हो जाते हैं
पुरुषों में टेस्टिकल कैंसर के होने का खतरा काफी ज्यादा होता है। लेकिन सही वक्त पर पता लग जाए तो इसका इलाज भी आसान है। टेस्टिकल कैंसर न्यूजीलैंड के मुताबिक, इस कैंसर के 90% मामले ठीक हो जाते हैं। इस बीमारी में टेस्टिकल में बिना दर्द हुए सूजन आती है, उसका आकार भी बदल जाता है। ब्रिटेन में हर साल 2200 पुरुषों के टेस्टिकल कैंसर का इलाज होता है। यूके के एक अध्ययन के मुताबिक, टेस्टिकल कैंसर एशियाई पुरुषों की बजाय यूरोपीय पुरुषों को ज्यादा होता है।

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New Zealand launches balls checking booth for testicular cancer

Source: bhaskar international story

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