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तूफान से तबाही: भारत में 'तितली' तो अमेरिका में 'माइकल' ने मचाई तबाही, 250 किमी की रफ्तार से चली हवाएं, पत्तों की तरह बिखर गए घर, दुकानें और रेस्तरां



इंटरनेशनल डेस्क/ फ्लोरिडा:भारत में तितली तूफान के बाद ओडिशा में भारी बारिश और भूस्खलन में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है। तीन लोग जख्मी हो गए हैं। वहीं अमेरिका मेंहरिकेन 'माइकल' ने फ्लोरिडा में बीच को बर्बाद कर दिया। हरिकेन ने फ्लोरिडा समुद्र तट पर जिस तरह तबाही मचाई, उससे लगता है कि यहां काफी बड़ा बम (मदर ऑफ ऑल बॉम्ब) फटा हो। तूफान ने खेतों, घरों, दुकानों को उजाड़ डाला। हरिकेन माइकल से मरने वालों की संख्या 17 पहुंच गई है। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। बुधवार को तूफान मैक्सिको बीच से टकराया था।

मैक्सिको में कैटेगरी-4 का था तूफान
फ्लोरिडा के गवर्नर रिक स्कॉट के मुताबिक- मैक्सिको बीच इस तरह तबाह हुआ है जैसे वहां कोई बम फटा हो। इलाका वॉर जोन में तब्दील हो गया है। बुधवार को जब तूफान मैक्सिको बीच से टकराया तो वह कैटेगरी 4 का तूफान था। स्कॉट ने खुद मैक्सिको की खाड़ी के एक हजार लोगों के शहर का दौरा किया था। फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी (फेमा) के प्रमुख ब्रोक लॉन्ग ने बताया- उम्मीद करता हूं कि ज्यादा लोगों की जान नहीं गई होगी। लेकिन हालात देखकर इस पर भरोसा करना मुश्किल होता है।

पत्तों की तरह बिखर गए घर, दुकानें और रेस्तरां
मैक्सिको बीच पर 250 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। दुकानें, घर और रेस्तरां पत्तों की तरह बिखर गए। फेमा के प्रमुख लॉन्ग के मुताबिक- ऐसे कम लोग हैं जो आपको तूफान का अनुभव बता सकें। फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रूबियो ने बताया कि मैक्सिको बीच से लोगों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। हालांकि कुछ लोगों ने अब भी वहां रुककर तूफान का मुकाबला करने का फैसला किया है।

10 लाख लोगों के पास बिजली नहीं
तूफान के चलते फ्लोरिडा, अलबामा, जॉर्जिया, वर्जीनिया और नॉर्थ-साउथ कैरोलिना के 10 लाख घरों में बिजली नहीं है। फ्लोरिडा में 4, वर्जीनिया में 5, नॉर्थ कैरोलिना में 3 और जॉर्जिया में एक व्यक्ति की मौत हुई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी फ्लोरिडा और जॉर्जिया जाकर तबाही देखने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट में कहा- 'लोगों को ये अंदाजा ही नहीं था कि हरिकेन माइकल जॉर्जिया को कितना नुकसान पहुंचाएगा।' फ्लोरिडा में आए माइकल को 1851 के बाद का सबसे ताकतवर तूफान माना जा रहा है। राहत और बचाव कार्य के लिए 5000 कर्मियों की तैनाती की गई है। पेंटागन के मुताबिक बचाव कार्य में 100 हेलिकॉप्टर और 1800 हाई-वॉटर व्हीकल लगाए गए हैं।

ऐसे हुई नाम की शुरुआत
तूफानों का नाम रखने की की शुरुआत वर्ल्ड मेट्रियोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन और मियामी नेशनल हरीकेन सेंटर ने 1953 में की। पहले तूफानों का नामकरण महिलाओं के नाम पर किया गया। जिसकी शुरुआत A से Z के बढ़ते अक्षरों के क्रम में की गई। 1978 में पुरुषों से जुड़े नामों को शामिल किया गया।

64 नामों की बनाई गई थी सूची
साल 2000 में वर्ल्ड मेट्रियोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन ने भारतीय महासागर क्षेत्र से जुड़े देशों से तूफानों के नाम मांगे। इन देशों में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल है। इन 8 देशों के मौसम वैज्ञानिकों ने 64 नामों की सूची बनाई। सभी देशों को एक-एक बार क्रमानुसार तूफान के नामकरण का मौका मिलता है। इस बार यह मौका पाकिस्तान को मिला था। 10 अक्टूबर को भारत में आए चक्रवात तूफान का नाम 'तितली' पाकिस्तान का दिया हुआ है।

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Source: bhaskar international story

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