Uncategorized

दुनिया के सबसे बड़े यात्री विमान ए380 का उत्पादन बंद होगा, खर्चीला होने के कारण ऑर्डर नहीं मिल रहे



टॉलुसी (फ्रांस). दुनिया के सबसे बड़े यात्री विमान ए380 का उत्पादन बंद होने जा रहा है। यूरोपियन कंपनी एयरबस अब सिर्फ 17 ऐसे विमान बनाएगी- 14 एमिरेट्स एयरलाइन के लिए और 3 जापान की एएनए एयरलाइन के लिए। आखिरी विमान की डिलीवरी 2021 में होगी।

एमिरेट्स इसकी सबसे बड़ी ग्राहक है। उसके पास करीब 110 ए380 विमान हैं। उसने 53 विमानों के ऑर्डर दे रखे थे, लेकिन कई रोज पहले उसने ऑर्डर संख्या घटाकर 14 कर दी। इसी के बाद एयरबस ने यह निर्णय लिया।

एमिरेट्स से पहले ऑस्ट्रेलिया की कैंटास एयरलाइन भी ए380 के ऑर्डर रद्द कर चुकी है। एयरबस के सीईओ टॉम एंडर्स ने कहा, ‘यह फैसला पीड़ादायक है। हमने इसमें काफी निवेश किया था। लेकिन हमें भी हकीकत को समझना होगा।’

उत्पादन बंद होने से एयरबस में 3,000-3,500 लोगों की नौकरी जा सकती है। विभिन्न एयरलाइंस के बेड़े में जब तक यह विमान रहेगा, कंपनी तब तक उनकी सर्विसिंग करती रहेगी।

उत्पादन बंद करने के 4 प्रमुख कारण

  1. नए विमान ज्यादा सक्षम और सस्ते हैं। एमिरेट्स ने ए380 के ऑर्डर रद्द कर ए350 और ए330 नियो विमान लेने का फैसला किया।
  2. नए विमान हल्के होते हैं। इसलिए इनमें ईंधन की खपत कम होती है। एयरलाइंस के कुल खर्च का 35-40% हिस्सा ईंधन पर ही जाता है।
  3. ए380 बड़े एयरपोर्ट पर ही उतर सकते हैं। सीटें भरी होने पर ही एयरलाइन को फायदा होता है। छोटे विमान कहीं भी उतारे जा सकते हैं।
  4. ए380 ने 2007 में पहली उड़ान भरी थी। उसके बाद आर्थिक मंदी के कारण इसकी बिक्री कम हो गई।

ए380 (सुपर जंबो जेट)

  • बिजनेस और इकोनॉमी क्लास मिलाकर 544 लोगों के बैठने लायक जगह होती है।
  • पूरा इकोनॉमी क्लास होने पर करीब 800 यात्री बैठ सकते हैं।
  • 234 विमान बिके। 2021 तक 251 बनेंगे।
  • 2007 में पहली उड़ान। 12 साल बाद ही बंद करने का फैसला लेना पड़ गया।

वर्सेजबोइंग 747 (जंबो जेट)

  • बिजनेस और इकोनॉमी क्लास मिलाकर 524 लोगों के बैठने की जगह होती है।
  • सिर्फ इकोनॉमी क्लास होने पर 660 लोगों के बैठने लायक जगह होगी।
  • जुलाई 2018 तक 1,546 बोइंग 747 विमान बिक चुके थे। बोइंग का 747 विमान हाल में ही अपने 50 साल पूरे कर चुका है।

विमान के डैने इतने बड़े कि उन पर 70 कारें खड़ी की जा सकती हैं

ए380 का उत्पादन 2005 में शुरू हुआ और 2007 में पहली उड़ान भरी। इसके डैने (विंग्स) इतने बड़े हैं कि उन पर 70 कारें खड़ी की जा सकती हैं। तब 4 इंजन वाले इस विमान को बहुत सराहा गया था। माना गया था कि इससे एयरपोर्ट पर विमानों की भीड़ कम होगी। एयरलाइंस को लगा इससे उनका ऑपरेशनल खर्च कम होगा और मुनाफा बढ़ेगा। एयरबस ने ऐसे 1,200 विमान बेचने का अनुमान जताया था।

कभी यूरोप की आर्थिक शक्ति का प्रतीक था, अब ब्रेक्जिट का प्रतीक
एक समय यूरोप की एकल करेंसी यूरो की तरह ए380 को भी यूरोपियन यूनियन का प्रतीक माना जाता था। विमान के अलग-अलग हिस्से ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन में बनते हैं। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने इसे यूरोप की आर्थिक शक्ति का प्रतीक बताया था। अब यह ब्रेक्जिट का प्रतीक माना जा रहा है।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


world’s largest passenger A380 production will stop

Source: bhaskar international story

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *