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देश में अंतरजातीय विवाह पर खुलापन अाया, लेकिन अमेरिका में बसे भारतीय अब भी जाति काे ही प्राथमिकता दे रहे: स्टडी



वॉशिंगटन | भारत में खासतौर पर उत्तरी राज्यों में रहने वाले लोग अंतरजातीय विवाह को लेकर ज्यादा उदार होने लगे हैं। मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोध में शनिवार को इस बात का खुलासा हुआ है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने भारतीय मेट्रिमोनिअल वेबसाइट्स की 3 लाख 13 हजार प्रोफाइल का अध्ययन किया।

विश्लेषण में पता चला कि अमेरिका में रहने वाले भारतीय तुलनात्मक रूप से अंतरजातीय विवाह के लिए कम उदार होते हैं। लोग उन्हें सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने पर ध्यान देने का सुझाव देते हैं, क्योंकि विदेशों में वे अल्पसंख्यक होते हैं। अमेरिका में केवल 14 फीसदी लोग ही ऐसे विवाह को महत्व देते हैं जबकि उत्तर भारत में इसका प्रतिशत 21 है।

मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता अश्विन राजदेसिंगन का कहना है कि साइट पर जानकारी देने वालों से सीधे तौर पर एक ही सवाल किया गया था- क्या वे अंतरजातीय विवाह करने के इच्छुक हैं?भारत में शादी के लिए सदियों से जाति, शिक्षा, समृद्धि, जन्मकुंडली और शारीरिक बनावट को तरजीह दी जाती रही है। शोध में पाया गया कि अंतरजातीय विवाह को लेकर सरकारी प्रोत्साहन और सामाजिक आंदोलन के कारण लोगों के दृष्टिकोण और व्यवहार में काफी बदलाव आया है।

एक अन्य शोधकर्ता डेविड जुर्गेंस का कहना है हमारे पिछले शोध के मुकाबले इस शोध में यह साफ हो गया है कि यह अंतर शिक्षा के बढ़ते प्रभाव, ग्रामीण क्षेत्रों में रहना, माताओं का नौकरी करना और निचली जातियों के प्रति लोगों की बदलती भावना के कारण आया है। इसके अलावा युवा पीढ़ी की सोच में आया बदलाव तो सबसे बड़ा कारण है। सांस्कृतिक बदलाव के कारण अब युवा पीढ़ी शादी के लिए केवल मां की देखभाल और पारिवारिक गुण ही नहीं देखती, बल्कि इनसे हटकर वह जीवन में आनंद भी पाना चाहती है।

विवाह के लिए दक्षिण भारतीय भी जाति काे महत्व देते हैं :स्टडी के मुताबिक अंतरजातीय विवाह को लेकर दक्षिण राज्यों के लोग कम उदार होते हैं। वे अपनी संस्कृति को ही महत्व देते हैं। इसी तरह अमेरिका में बसे भारतीय हालांकि आधुनिक माहौल का यह कहकर समर्थन करते हैं कि वे उन सभी पहलुओं को अपनाएंगे, जो हमारे आसपास के वातावरण में हो रहा है।

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Inter-caste marriages happening in the country

Source: bhaskar international story

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