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धैर्य टूटने से पहले अमेरिका बातचीत आगे बढ़ाने का सही तरीका अपनाए: उ. कोरिया



प्योंग्यांग.उत्तर कोरिया ने अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों को लेकर अमेरिका को एक बार फिर धमकी दी है। सरकार ने कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से बुधवार कहा कि वॉशिंगटन बातचीत के लिए जल्द सही कूटनीतिक प्रक्रिया अपनाए। वरना उसका धैर्य खत्म होने की कगार पर है।

उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ”अमेरिका को अपने आकलन का तरीका बदलना चाहिए, ताकि हम पिछले साल जून में हुई पहली मुलाकात के समझौते को बनाए रख सकें। अमेरिका को पिछले एक साल में हमारे रिश्तों में आए बदलाव को देखना चाहिए और जल्द से जल्द अपनी नीतियों पर फैसला लेना चाहिए, वरना काफी देर हो जाएगी क्योंकि धैर्य की भी एक सीमा होती है।”

प्रतिबंध हटाने के बदले निरस्त्रीकरण के लिए राजी हुआ था उ. कोरिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्डट्रम्प और तानाशाह किम जोंग-उन की पहली मुलाकात सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप स्थित कापेला होटल में हुई थी। नेताओं की मुलाकात करीब 90 मिनट चली। इसमें 38 मिनट की निजी बातचीत भी शामिल थी। इसमें ट्रम्प ने किम को पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए राजी कर लिया था। इसके लिए दोनों नेताओं ने एक करार पर दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही उत्तर कोरिया ने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया, जबकि इससे पहले किम हाइड्रोजन बम समेत 6 परमाणु परीक्षण कर चुके थे।

दोबारा तनावपूर्ण हो सकते हैं अमेरिका-उत्तरकोरिया के रिश्ते
हाल ही में किम ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो को परमाणु मसले पर बातचीत से हटाने की मांग की थी। किम का आरोप था कि वे पूरी प्रक्रिया को पटरी से उतार रहे हैं।किम ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका इस तरह उत्तर कोरिया पर अविश्वास करता रहा तो दोनों के रिश्ते पुरानी स्थिति (तनाव) में आ सकते हैं। दूसरी मुलाकात परमाणु मसले पर कोई समझौता होने से पहले ही खत्म हो गई थी। हनोई में किम ने प्रतिबंधों में तुरंत छूट देने की मांग भी की थी। इसके बदले उत्तर कोरिया क्या करेगा, इस पर दोनों पक्षों में एकराय नहीं बन पाई थी।

बातचीत असफल रहने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा
पिछले महीने उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया था। बताया गया था कि यह टेस्ट तानाशाह किम जोंग-उन की मौजूदगी में हुए थे। इसके बाद अमेरिका ने प्रतिबंधों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उत्तर कोरियाई कार्गो शिप को पकड़ लिया था। जहाज की पहचान 17 हजार टन वजनी वाइज ऑनेस्ट के तौर पर हुई थी। अमेरिका ने आरोप लगाया था कि जहाज उत्तर कोरिया से अवैध रूप से कोयला दूसरे देशों में पहुंचाता था और वहां से अपने देश के लिए भारी मशीनरी लाता है।

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किम जोंग-उन।

Source: bhaskar international story

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