पंचायत चुनाव के परिणाम, नोटबंदी और जीएसटी के सहारे है कांग्रेस

सूरत.    13वें विधानसभा चुनाव में ऐसे ही नहीं कांग्रेस के चुनाव अभियान को अंडर करंट बोला जा रहा है, दरअसल इसकी नींव 2015 में हुए गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव में पड़ गई थी। जब कांग्रेस ने ग्रामीण इलाके में जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए राज्य की 31 जिला पंचायतों में से 21 सीटों पर कब्जा किया था, जबकि 2010 में कांग्रेस के पास सिर्फ 2 जिला पंचायत सीट थी। 230 तालुका पंचायतों में 4778 सीटों में से कांग्रेस ने 2509 को जीत मिली, जबकि बीजेपी को 1981 सीट से ही संतोष करना पड़ा था।
 
22 साल से गुजरात में राजनीति वनवास काट रही कांग्रेस के लिए यह परिणाम  किसी संजीवनी से कम नहीं था। वहीं शहरी निकायत चुनाव में बीजेपी ने सभी 6 नगर निगमों और 56 में से 40 नगर पालिकाओं पर कब्जा जमाया था, लेकिन इसमें भी कांग्रेस के लिए अच्छी खबर छिपी थी। 
कांग्रेस ने नगर निगमों में 2010 के चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया था। 6 में से 5 नगर निगमों में बीजेपी की सीटों की संख्या घटी थी। कांग्रेस नेताओं के दावों के मुताबिक, विधानसभा सीटों के लिहाज से इन नतीजों को देखा जाए तो 182 विधानसभा क्षेत्रों में से 90 पर…

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Source: bhaskar resultNew feed

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