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पाकिस्तान में गर्माया दो नाबालिग हिंदू बहनों के अपहरण का मुद्दा, लोग पूछ रहे 'धर्मपरिवर्तन के बाद लड़कियां केवल पत्नी ही क्यों बनती है, बेटी या बहन क्यों नहीं?



इंटरनेशनल डेस्क (इस्लामाबाद). पाकिस्तान में दो नाबालिग हिंदू बहनों के अपहरण के बाद उनके जबरन धर्मांतरण और निकाह कराने का मुद्दा इन दिनों गर्माया हुआ है। दुनिया के सामने ये मामला आने के बाद ना केवल प्रधानमंत्री इमरान खान को आगे आकर मामले की जांच के आदेश और लड़कियों की तलाश करने के आदेश देने पड़े, बल्कि इस बात को लेकर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के सूचना मंत्री चौधरी फवाद हुसैन के बीच भी ट्विटर पर बहस हो गई। अब इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान का हिंदू समुदाय एक सवाल पूछ रहा है कि सिर्फ कम उम्र की बच्चियां ही क्यों इस्लाम से प्रभावित होती हैं, और धर्मांतरण के बाद वे हमेशा बीवी ही क्यों बनती हैं, बहन या बेटी क्यों नहीं?

ट्वीट में पूछा- नाबालिग लड़कियां ही क्यों इस्लाम से प्रभावित होती हैं…

– पाकिस्तान के अल्पसंख्यक सिंधी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पत्रकार कपिल देव ने ट्वीट करते हुए एक सवाल पूछा है। उनके मुताबिक सिर्फ कम उम्र की लड़कियां या बच्चियां ही इस्लाम से क्यों प्रभावित होती हैं, कभी कोई बड़ी उम्र का मर्द या औरत इस्लाम से प्रभावित क्यों नहीं होता।
– इसके अलावा उन्होंने पूछा है कि धर्म परिवर्तन के बाद लड़कियां बीवी ही क्यों बनती हैं, उन्हें कभी बहन या बेटी क्यों नहीं बनाया जाता। ये ट्वीट भले ही एक सामाजिक कार्यकर्ता ने पूछा हो, लेकिन ये सवाल सालों से पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के लोग पूछ रहे हैं।
– कपिल देव ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'सिर्फ नाबालिग हिंदू लड़कियां ही इस्लाम की शिक्षा से क्यों प्रभावित होती हैं, क्यों कभी कोई उम्रदराज महिला या पुरुष उनकी शिक्षा से प्रभावित नहीं होते।'
– आगे उन्होंने लिखा, 'धर्म परिवर्तन करने वाली लड़कियां कभी बेटी या बहन क्यों नहीं बनतीं, वो सिर्फ पत्नियां ही क्यों बनती हैं? मैं अब तक इस सवाल का कोई तार्किक जवाब पाने में विफल रहा हूं।'
– बता दें कि कपिल देव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर खुद को मानवाधिकार कार्यकर्ता बताया है। उनके मुताबिक वे सिंधी, हिंदू और सेक्यूलर होने के बाद सबसे पहले गर्व से पाकिस्तानी हैं। कपिल कई अखबारों के लिए स्वतंत्र रूप से लेख भी लिखते हैं।
– एक अन्य पाकिस्तानी हिंदू ब्लॉगर मुकेश मेघवार ने भी ट्वीट करते हुए पूछा कि, 'मलाला 16 साल की उम्र में किताब नहीं लिख सकती हैं। लेकिन 12 और 14 साल की हिंदू लड़कियां इस उम्र में इस्लाम कुबूल करते हुए निकाह कर सकती हैं? (प्योर नेशनल लॉजिक)'

ये है पूरा मामला

– 20 मार्च को होली वाले दिन पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी जिले में कुछ लोगों ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की दो नाबालिग बहनों का अपहरण कर लिया था। इसके बाद ना सिर्फ रीना (15) और रवीना (13) नाम की इन लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कर दिया गया, बल्कि अधेड़ उम्र के लोगों से उनका निकाह भी कर दिया गया।
– घटना के बाद पीड़ित लड़कियों के पिता का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वे थाने के बाहर बैठकर अपनी बेटियों को वापस लाने की गुहार लगा रहे थे। वो रोते हुए खुद को थप्पड़ मार रहे थे और बेटियों की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे थे साथ ही ऐसा नहीं करने पर खुद को गोली मार देने की बात कह रहे थे।

– इस घटना के विरोध में हिंदू अल्पसंख्यकों ने विरोध-प्रदर्शन भी किए। जिसके बाद बढ़ते विरोध को देखते हुए पुलिस को एफआईआर दर्ज करना पड़ी। रिपोर्ट के मुताबिक अभियुक्तों ने पीड़ितों के घर से चार तोला सोना और 75 हजार रुपए भी चुरा लिए थे।

सुषमा और पाकिस्तानी मंत्री के बीच हुई थी बहस

– भारतीय विदेश मंत्री ने रविवार को एक ट्वीट करते हुए लिखा था, 'मैंने भारतीय उच्चायोग से इस बारे में रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है। होली की शाम सिंध की दो बहनों का अपहरण हुआ, जिनमें से एक की उम्र 15 और दूसरी की 13 साल बताई जा रही है।'
– सुषमा स्वराज के ट्वीट को देख पाकिस्तानी सूचना मंत्री फवाद हुसैन ने उन्हें जवाब देते हुए लिखा था, 'ये पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और भरोसा रखें ये मोदी का इंडिया का नहीं है जहां अल्पसंख्यकों को दबाकर रखा जाता है। उम्मीद करता हूं कि जब भारतीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात आएगी तो आप भी उतनी ही तत्परता से कार्रवाई करेंगी।'
– जबाव में सुषमा ने ट्वीट किया था, 'श्रीमान फवाद, मैंने इस्लामाबाद के भारतीय उच्चायोग से दो हिंदू बच्चियों के अगवा करने और जबरन उन्हें इस्लाम कबूल करवाने के मामले में सिर्फ रिपोर्ट भर मांगी थी। लेकिन आप इतनी सी बात पर बेचैन हो उठे, ये आपके अपराधबोध को दिखा रहा है।'

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पाकिस्तान में धर्मांतरण के बाद दो नाबालिग बहनों का निकाह करा दिया गया।


अपहृत हुईं पाकिस्तानी हिंदू नाबालिक लड़कियां रवीना और रीना। जिनकी उम्र 13 और 15 साल है।


नाबालिग लड़कियां और उनका पिता।


Two minor Girls named Raveena & Reena were abducted in broad daylight by Moslems from Pakistan,& the poor father of Girls is left protesting at Police station.

Source: bhaskar international story

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