बगदाद स्थित भारतीय दूतावास में तैनात किए गए सीआरपीएफ कमांडो
बगदाद. अल मन्सौर स्थित भारतीय दूतावास की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के कमांडोज को दिया गया है। दो माह पहले दूतावास में कमांडो तैनात करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। अब यहां 40 कमांडो तैनात हो चुके हैं। इनका काम दूतावास के साथ भारतीय राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करना है।
2014 से इस्लामिक स्टेट ने इराक के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा कर रखा था। आतंकी सीरिया के साथ इराक को अपने लिए सुरक्षित पनाहगाह बनाने में कामयाब हो गए थे। इराक की सरकार और लोगों के लिए आतंकी संगठन खासा सिरदर्द बन गया था।
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने इराक में लंबे अर्से से अपना कब्जा कर रखा था। प. देशों के साथ मिलकर इराकी सेना ने आतंकियों के सफाए का अभियान चलाया था। पिछले साल दिसंबर में इराक की सरकार ने आतंकियों के खात्मे की घोषणा की थी। इराक के साथ लड़ाई में बहुत से आतंकी मारे गए। बहुत से आतंकी सीरिया की तरफ भाग गए थे।
इस्लामिक स्टेट के खात्मे के बाद इराक के हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन एहतियात अभी भी बरती जा रही है। यही वजह है कि भारत सरकार ने अपने दूतावास की सुरक्षा के लिए कमांडोज पर भरोसा जताया है।
आतंकियों के सफाए के बाद इराक सरकार ने उन लोगों को सजा देने का काम किया, जिनका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आतंकी संगठन से कोई न कोई जुड़ाव था। ऐसे बहुत से लोगों को फांसी की सजा दी गई है।
कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिसोल्यूट एक्शन) सीआरपीएफ की सबसे बेहतरीन विंग है। इसके कमांडो गुरिल्ला लड़ाई के साथ जंगलों में कार्रवाई करने के अभ्यस्त होते हैं। सरकार इन्हें अक्सर खतरनाक जगहों पर तैनात करती रही है।
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Source: bhaskar international story