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बाढ़-तूफान में डूबता था वुहान शहर, 228 प्रोजेक्ट के जरिए स्पंज सिटी बन रही



बीजिंग. चीन का वुहान शहर सामान्य तल से नीचे बसा हुआ है। शहर में दो बड़ी नदियां यांग्ट्जी और हान का संगम भी है। नीचे बसे होने के चलते मानसून में शहर पानी-पानी हो जाता है। नदियों के उफान पर रहने के कारण शहर का पानी बाहर भी नहीं निकल पाता। शहर को बाढ़ से बचाने के लिए 228 प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए हैं। इसके तहत वुहान को एक ऐसी स्पंज सिटी के रूप में तैयार किया जाएगा, जो तूफान-बाढ़ का पानी सोख सके।

  1. 1980 के दशक में वुहान में 127 झीलें थीं। बढ़ते शहीकरण के चलते अब महज 30 बची हैं। 2016 में आई भीषण बाढ़ ने शहर को नुकसान पहुंचाया। इसमें 14 लोगों की मौत हो गई। कई इलाकों का संपर्क शहर से कट गया। एक अनुमान के मुताबिक, 263 मिलियन पाउंड (करीब 2400 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ।

  2. अधिकारियों ने इसके लिए खराब निकासी व्यवस्था को जिम्मेदार बताया था। उनके मुताबिक- वुहान की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि अगर नदियों में पानी का स्तर बढ़ा हो तो शहर का पानी नहीं निकल पाता। कई स्थानीय लोग झीलों के कम होने को खराब निकासी व्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं।

  3. संयुक्त राष्ट्र के एक आकलन के मुताबिक, 2035 तक वुहान की आबादी एक करोड़ से ज्यादा हो जाएगी। तब हालात और खराब हो सकते हैं। 2015 में वुहान को स्पंज सिटी बनाने का प्लान लाया गया। इसमें पारंपरिक तरीके और ड्रेनेज सिस्टम से शहर से पानी निकालने के बारे में बात रखी गई।

  4. दो जिलों किंगशान और सिक्जिन में 228 प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। इसमें सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, रिहाइशी इलाकों में पानी सोखने वाले उपकरण (फीचर) लगाए जाएंगे। इसके अलावा 38.5 वर्ग किमी के इलाके में भी सोखने वाले फीचर्स लगेंगे। इस पर 11 बिलियन युआन (करीब 11 हजार करोड़ रुपए) का खर्च आएगा।

  5. 1980 के दशक में एक पार्क नांगनकू में स्टील कंपनी का मलबा जमा होता था। अब इसे भी स्पंज साइट के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां रेन गार्डन्स, कृत्रिम तालाब और वेटलैंड्स तैयार किए जा रहे हैं। इन सबका मकसद ज्यादा बारिश की स्थिति में पानी को सोखकर सुरंगों और स्टोरेज टैंक में भेजना है। इस पानी को उसी स्थिति में नदी में प्रवाहित किया जाएगा, जब उनमें पानी का स्तर कम हो जाएगा।

  6. 3.8 वर्ग किमी के नांगनकू पार्क को सोख्ता इलाके में बदलने के लिए 1.26 बिलियन युआन (करीब 1300 करोड़ रुपए) का निवेश किया जाना है। यह रकम पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से जुटाई जाएगी। इसमें से 20% राशि स्थानीय सरकार देगी।

  7. स्पंज सिटी स्कीम के तहत सुनिश्चित किया गया है कि वुहान के 20% नगरीय इलाके में 2020 तक स्पंज फीचर लगा लिए जाएंगे। इससे तूफान का 70% पानी सोखा जा सकेगा। अर्कादिस चाइना में वॉटर मैनेजमेंट के निदेशक वेन मेई डुबेलार बताते हैं कि स्पंज सिटी प्रोजेक्ट का मकसद समस्या से लड़ने की बजाय नदियों को एक स्पेस देना है ताकि समय आने पर उनमें सोखा गया पानी बहाया जा सके।

  8. चीन की नॉटिंघम निंगबो यूनिवर्सिटी में जियोग्राफिकल साइंसेस के प्रो. फेथ चान कहते हैं कि हमारे यहां कोई पैमाना तय नहीं किया गया है। टोक्यो और सिंगापुर जैसे शहर 100 साल में एक बार आने ऐतिहासिक तूफान का सामना करने में सक्षम हैं। लेकिन चीन की निकासी व्यवस्था अभी 10 साल में आने वाले तूफान का सामना कर सकती है। स्पंज सिटी प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद वुहान 30 साल में आने वाले तूफान का सामना कर पाएगा।

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      Source: bhaskar international story

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