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भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी मिस इंग्लैंड चुनी गईं, ताज पहनने के कुछ घंटों बाद डॉक्टर बनीं



लंदन. ब्रिटेन में डर्बी की रहनेवाली 23 वर्षीय भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी ने गुरुवार को मिस इंग्लैंड का ताज जीत लिया। कुछघंटे बाद लिंकनशायर में बोस्टन के एक अस्पताल में बतौर जूनियर डॉक्टर करिअर की शुरुआत की।अब भाषादिसम्बर में आयोजित होने वालीमिस वर्ल्ड स्पर्धा में हिस्सा लेंगी।

भाषा पांच भाषाओं की जानकार हैं। स्पर्धा से पूर्व उन्होंने कहा था कि कुछ लोग सोचते हैं कि सुन्दर लड़कियां देखने के लिए होती हैं मगर हम सभी एक उद्देश्य के लिए यहां मौजूद हैं। हम सिर्फ दुनियाको यह दिखाने का प्रयास नहीं कर रहे हैंकि हम सुंदर हैं। बल्कि हम अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं।कुछ बेहतर करना चाहते हैं।

आइंस्टीन अवॉर्ड विजेता हैं भाषा

भाषा ने बताया- सौंदर्य के क्षेत्र में मेरा करिअर तब शुरू हुआ, जब मैं मेडिकल स्कूल में पढ़ रही थी। पढ़ाई के दौरान इस क्षेत्र में आने के लिए मैं अधिक प्रेरित थी। लेकिन अचानक मैंने फैसला किया कि मैं पढ़ाई के साथ इसका संतुलन बनाऊंगी। स्कूल में मैं अपने टीचर की सबसे प्यारी छात्रा रही हूं। अपनी क्लास में सबसे तेज छात्रा होने के कारण मैं आइंस्टीन अवार्ड भी जीती थी। मैंनेअपने स्कूल में टॉप किया था।

नौ वर्ष की आयु में भारत से ब्रिटेन आई थीं

भाषा के पास स्नातक की दो डिग्रीयां हैं। पहलेउन्होंने मेडिकल साइंस में स्नातक किया। इसके बादमेडिसीन और सर्जरी में स्नातक किया। ये सभी डिग्री उन्होंने नॉटिघम यूनिवर्सिटी से हासिल की। वह जब नौ वर्ष की थीं,तभी उनका परिवार भारत से ब्रिटेन आया था। मिस इंग्लैंड का ताज जीतने के साथ भाषा को मॉरीशस का हॉलिडे पैकेज भी मिला।

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मिस इंग्लैंड के ताज के साथ भाषा मुखर्जी (बीच में)

Source: bhaskar international story

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