भारत-चीन के लोगों की स्थानीय से ज्यादा सैलरी, पाक-बांग्लादेशी कर्मचारियों की सबसे कम: रिपोर्ट
लंदन. ब्रिटेन में रहने वाले चीन और भारतीय समूह के लोग स्थानीय युवाओं की तुलना में ज्यादा पैसा कमाते हैं। जबकि बांग्लादेशी और पाकिस्तानी कर्मचारियों की औसत कमाई सबसे कम है। नए सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है।यूके केराष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग ने 2012 से 18 तकरोजगार के आंकड़ों का विश्लेषण किया।
आंकड़ों में स्थानीय, चीनी, भारतीय और अन्य मिश्रित समूहों के बीच प्रति घंटा के हिसाब से वेतन में असमानता पाई गई।रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कर्मचारी एक घंटे में करीब 1350 रु. कमाते हैं। जबकि स्थानीय ब्रिटिश युवकों को करीब 1030 रु. मिलते हैं। वहीं, भारतीय कर्मचारी 1152 रु. कमाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है किबांग्लादेशी और पाकिस्तानी युवकों की हर घंटे कमाई करीब 821रु और 855 रु. है।भारतीय और स्थानीय युवकों के बीच यह अंतर 2012 के बाद से लगातार बना हुआ है। 2018 में भारतीयों की कमाई स्थानीय लोगों से 12%, जबकि चीन के लोगों की 30% ज्यादा थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पुरुषमहिलाओं की तुलना में 23.3% ज्यादाकमाते हैं, जबकि चीनी पुरुषों ने चीनी महिलाओं की तुलना में 19.1% ज्यादा कमाई की है। वहीं, श्वेत ब्रिटिश और अश्वेत ब्रिटिश, अफ्रीकी और कैरिबियन श्रमिकों के बीच केवल 3.3% का अंतर है।
ओएनएस के मुताबिक, सभी समूहों में जो ब्रिटेन के बाहर पैदा हुए, उन्होंने देश में पैदा हुए लोगों की तुलना में कम कमाई की है।
प्रति घंटे के हिसाब से कमाई
देश कमाई चीन 1350 रु. भारत 1152 रु. मिश्रित 1,055 रु. श्वेत ब्रिटिश 1050 रु. अन्य एथियाई 987 रु. अश्वेत अफ्रीकन, कैरेबियन ब्रिटिश 933 रु. पाकिस्तान 855 रु. बांग्लादेश 821 रु. रोजगार वकील जेहाद रहमान ने कहा कि इन आंकड़ों से पता चलता है कि ब्रिटिशों की तुलना में चीनी और भारतीययुवकों की शिक्षा बेहतर हैं। इस कारण ग्रेजुएट होने के बाद उन्हें आसानी से रोजगार मिल जातेहैं और पैसे भी अच्छे मिलते हैं। इसके साथ ही यह भी देखा जाता है कि वर्कप्लेस पर वे अन्य की अपेक्षा बेहतर काम करते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: bhaskar international story