भारत में जन्मीं Gita Gopinath बनीं IMF में चीफ इकॉनमिस्ट, यह पद संभालने वाली पहली महिला
इंटरनेशनल डेस्क.अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत में जन्मीं अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) को चीफ इकॉनमिस्ट नियुक्त किया है। मैसूर में जन्मीं गीता इस पद से जुड़ने वाली पहली महिला हैं। उनकी नियुक्ति की घोषणा पिछले साल एक अक्टूबर को किया गया था, अब उन्होंने पद संभाला। मुद्राकोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने उस समय गीता गोपीनाथ को दुनिया का एक विलक्षण और अनुभवी अर्थशास्त्री बताया था। उन्होंने कहा था कि गीता विश्व में महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं। गीता उन अर्थशास्त्रियों में शामिल रही हैं, जिन्होंने भारत सरकार द्वारा साल 2016 में नोटबंदी जैसे ऐतिहासिक कदम को भारतीय अर्थव्यस्था के लिए खतरा बताया था।
मैसूर में हुआ जन्म : गीता का जन्म मैसूर में हुआ।उनके पिता टी.वी. गोपीनाथ किसान हैं। गीता नेअपनी बैचलर डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी, जबकि मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से हासिल की। 2001 में प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद उन्होंने शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम शुरू किया। 2005 से वे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल इकोनॉमिक स्टडीज की प्रोफेसर हैं। एक्सचेंज दरों, व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मौद्रिक नीति, डेट और उभरते बाजारों के संकट पर गोपीनाथ के 40 से ज्यादा शोध लेख प्रकाशित हो चुके हैं
रघुराम राजन के बाद दूसरी भारतीय : पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बाद गोपीनाथ, दूसरी भारतीय हैं, जिन्हें इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी दी गई है। गोपीनाथ फिलहाल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल इकोनॉमिक स्टडीज की प्रोफेसर हैं। उनकी नियुक्ति पर मुद्राकोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि लीडरशिप में गोपीनाथ का रिकॉर्ड सर्वश्रेष्ठ है, उनका अकादमिक प्रदर्शन काफी अच्छा है। वे दुनिया की बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक हैं।
– इससे पहले गोपीनाथ भारत के लिए जी20 के मुद्दों पर बनी प्रबुद्ध लोगों की सलाहकार समिति में भी रह चुकी हैं। साथ ही केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की आर्थिक सलाहकार के तौर पर भी काम कर चुकीं हैं।
टॉप 25 अर्थशास्त्रियों में शुमार : 2018 में अमेरिकन आर्ट्स एंड साइंस एकेडमी में उन्हें फैलो चुना गया था। उसी समय उन्हें वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में विशिष्ट पूर्व छात्र का अवॉर्ड भी दिया गया था। वहीं, 2014 में आईएमएफ ने उन्हें 45 साल से कम उम्र की टॉप-25 अर्थशास्त्रियों में शुमार किया था। 2011 में गोपीनाथ वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में यंग ग्लोबल लीडर के तौर पर चुनीं गई थीं।
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Source: bhaskar international story