मानव इतिहास में पहली बार: चीन ने चांद पर भेजे गए रोवर पर उपजाया कपास, अब आलू की बारी
बीजिंग. चीन ने चांद पर कपास के बीज अंकुरित करने में कामयाबी हासिल की है। चीन की ओर से चांद पर भेजे गए रोवरचांगी-4 पर कपास के बीज अंकुरित हुए हैं। यह पहला मौका है, जब इंसानों की दुनिया से परे चांद पर कोई पौधा पनप रहा है। वैज्ञानिकों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। चीन को अब यहां आलू उपजाने की भी उम्मीद है।
First in human history: A cotton seed brought to the moon by China’s Chang’e 4 probe has sprouted, the latest test photo has shown, marking the completion of humankind’s first biological experiment on the moon pic.twitter.com/CSSbgEoZmC
— People’s Daily, China (@PDChina) January 15, 2019
चोंगकिंग विश्वविद्यालय के एडवांस्ड टेक्नॉलजी रिसर्च इंस्टिट्यूट से जारी तस्वीरों की सीरीज के मुताबिक, चांगी-4 के इस महीने चंद्रमा पर उतरने के बाद यह अंकुर एक डिब्बे के भीतर मौजूद जालीनुमा ढांचे से पनपा है।
इस प्रयोग की डिजाइन की अगुआई करने वाले शाइ गेंगशिन ने कहा कि यह पहला मौका है, जब मानव ने चंद्रमा की सतह पर पौधों के विकास के लिए प्रयोग किए। चांगी-4 तीन जनवरी को चंद्रमा के सबसे दूर के हिस्से में उतरा था।
चोंगकिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बताया कि हमने पानी और मिट्टी से भरा एक डिब्बा भेजा था। यह कोई 18 सेंटीमीटर का है। इसके अंदर कपास, आलू और सरसों के एक-एक बीज के साथ-साथ फ्रूट फ्लाई के अंडे और ईस्ट भेजे गए। यूनिवर्सिटी ने बताया कि अंतरिक्षयान से भेजी गई तस्वीरों में देखा गया कि कपास के अंकुर बढ़िया से विकसित हो रहे हैं, लेकिन अब तक अन्य पौधों के बीजों के अंकुरित होने की खबर नहीं है।
- चीन ने 3 जनवरी को चंद्रमा के पिछले (धरती से नजर नहीं आने वाले) हिस्से पर अपना स्पेसक्राफ्ट चांगी-4 उतारा। चांद के इस हिस्से पर पहली बार किसी स्पेसक्राफ्ट ने लैंडिंग की है। धरती से चांद का एक ही हिस्सा नजर आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस गति से चांद धरती का चक्कर लगाता है उसी गति से वह अपनी धुरी पर भी घूमता है। ऐसे में उसका दूसरी तरफ का हिस्सा कभी भी धरती के सामने नहीं आ पाता।
- अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही चांद के उस हिस्से पर स्पेसक्राफ्ट उतार सके हैं, जो पृथ्वी से दिखता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-1 चांद पर उतारा नहीं गया था।
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Source: bhaskar international story