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मिसाइल हमले में परिवार को खो चुकी 8 साल की बच्ची बनी संघर्ष का प्रतीक, कहा- जंग बंद कर दो



सना (यमन). यमन में मार्च 2015 से युद्ध जैसे हालात हैं। वहां हुती विद्रोहियों और सरकार के बीच संघर्ष जारी है। इस लड़ाई में सऊदी अरब हुती विद्रोहियों केसाथ है। वह पूर्व राष्ट्रपतिअली अब्दुल्ला सालेह की वापसी के लिएहुती विद्रोहियों के समर्थन में यमन पर हवाई हमले कर रहा है। इन हमलों और हुती-सरकार के बीच संघर्ष में अब तक 10700 लोगों की जानें जा चुकी हैं। इनमें 2200 बच्चे भी शामिल हैं। इसमें जो बचे भी हैं, उनमें से कई अपना पूरा परिवार युद्ध में गंवा चुके हैं। युद्ध की त्रासदी झेलने वालों में सात साल की बुथानिया मंसूर अल रिमी भी शामिल है, जिसने मिसाइल हमले में परिवार को खो दिया।

बुथानिया सऊदी अरब की अगुआई में हुए हवाई हमलों में अपने माता-पिता, चार बहनों, एक भाई और एक चाचा को खो चुकी है। इस हमले में वह भी घायल हुई थी। पिछले साल सोशल मीडिया पर उसकी एक तस्वीर वायरल हुई थी। इसमें वह बुरी तरह चोटिल दिख रही थी। उसके एक चाचा उसे इलाज के लिए सऊदी अरब ले गए थे। जहां इलाज कराने के बाद अब वह यमन लौट आई है।

डॉक्टर बनना चाहती है बुथानिया
बुथानिया ने कहा, “मैं पहली बार स्कूल जाने की सोच रही हूं। मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि मानवता और यमन के बच्चों के लिए युद्ध खत्म कर दिया जाए।” उसके अंकल अली ने कहा, “वह उस हमले को भूल नहीं पाई है। जब वह अपने परिजन से संबंधित सामन और पिता के पसंदीदा गाने को सुनती है तो दुखी हो जाती है।”

यमन

घर पर गिरे थे लगातार तीन मिसाइल
हालांकि, जिस हवाई हमले में उसने अपना पूरा परिवार खोया, उसको याद कर वह अब भी सिहर जाती है। बुथानिया ने न्यूज एजेंसी को बताया, “मैं अपने पिता, बहनों, भाई और चाचा के साथ अपनी मां के कमरे में थी। जब पहली मिसाइल गिरी तो पापा हमारा ध्यान भटकाने के लिए चीनी ले आए, लेकिन हमले होते रहे। दूसरी, फिर तीसरी मिसाइल गिरी। आखिरकार हमारा घर ढह गया।

बुथानिया ने कहा, “वह 25 अगस्त 2017 की रात थी। उसमें मेरे अंकल की भी मौत हुई। वे मुझे सबसे ज्यादा पसंद थे।” उस हमले में बुथानिया के परिजन के अलावा आठ अन्य लोगों की भी मौत हुई थी। इसमें दो बच्चे भी थे। सऊदी अरब ने इसे “तकनीकी गलती” बताते हुए हवाई हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी निंदा की गई।

हुती विद्रोहियों का कहना है कि बुथानिया की तस्वीर वायरल होने के बाद उसे परिजन के साथ किडनैप कर लिया गया था। रियाद जाने से पहले इन सबको सरकार के सामने ले जाया गया। सऊदी मीडिया के मुताबिक, उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार के अनुरोध पर सऊदी अरब की राजधानी ले जाया गया।

हुती विद्रोही देंगे घर और वेतन
हुती के अल-मसीरा मीडिया आउटलेट ने बुथानिया के स्वागत में एक कहानी छापा। इसका शीर्षक “सऊदी अरब का चंगुल” दिया। एक शीर्षक में लिखा था, “मानवता की आंख दुश्मन को उजागर करती है।” विद्रोहियों के मुखिया महदी अल-मश्त ने बुथानिया और उसके संबंधियों के लिए घर और वेतन की घोषणा की है।

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इलाज से पहले और उसके बाद में बुथानिया की तस्वीर।

Source: bhaskar international story

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