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यूएनएससी में गैर-स्थाई सदस्यता के लिए भारत को एशिया पैसिफिक देशों का समर्थन मिला



सैन फ्रांसिस्को. एशिया पैसिफिक देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अगले दो साल के लिए भारत की गैर-स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है। देश के लिए यह बड़ी कूटनीतिक जीत है। यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने मंगलवार को एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा,‘‘सुरक्षा परिषद की गैर स्थाई सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी को एशिया-पैसिफिक ग्रुप का समर्थन मिला है। यह कार्यकाल 2021-22 के लिए रहेगा। इस समर्थन के लिए ग्रुप के सभी 55 सदस्यों को धन्यवाद।’’

  1. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन स्थाई सदस्य देश हैं। वहीं10 देशों को अस्थाई सदस्यता दी गई है। इनमेंबेल्जियम, कोट डी-आइवरी डोमिनिकन रिपब्लिक, गिनी, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका और भारत के नाम शामिल हैं।

  2. गैर-स्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल के लिए होता है। इसकी गैर- सदस्यता को चुनाव के बाद बढ़ाया जाता है। इसके लिए यूएनएससी पांच स्थाई सदस्यों की सीटों को छोड़कर हर साल पांच गैर-स्थाई सदस्यों के लिए चुनाव कराती है।

  3. भारत कोसमर्थन देने वाले एशिया पैसिफिक देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, किर्गिस्तान,मलेशिया, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, सीरिया, टर्की, यूएई और वियतनाम आदि प्रमुख हैं।

  4. हाल ही में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर नेसंयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्‍थाई सीट दिए जाने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि 1.4 अरब की जनसंख्या वाले देश को परिषद में स्थाई सदस्यता नहीं दी गई है। यह उसकी बात को अनसुना करनेजैसा है, जो कि परिषद की विश्वसनीयता के बिल्कुल उलट है।

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      संयुक्त राष्ट्र की बैठक में सदस्य देशों के प्रतिनिधि।

      Source: bhaskar international story

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