यूरोपीय संघ से अलग होने की ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे की योजना संसद में खारिज
लंदन. ब्रेग्जिट यानी यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने की ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे की योजना को संसद की मंजूरी नहीं मिल पाई। उनके प्रस्ताव को हाउस ऑफ कॉमंस में खारिज कर दिया गया। 432 सांसदों में से मे को केवल 202 सांसदों का समर्थन मिल सका। बहुमत का आंकड़ा 230 है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री की इस ऐतिहासिक हार के बाद विपक्षी लेबर पार्टी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास मत का प्रस्ताव दिया है। लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कहा कि प्रधानमंत्री की ब्रेग्जिट डील खारिज होने से साफ है कि सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है।
- थेरेसा मे संसद में दोबारा ये योजना पेश कर सकती हैं और संसद की मंजूरी हासिल कर सकती हैं।
- वहयूरोपीय संघ से दोबारा बातचीत कर सकती हैं और एक नए समझौते के साथ संसद में आ सकती हैं।
- ब्रेग्जिट को लेकर जनता के पास दोबारा जनमत संग्रह के लिए भी जाया जा सकता है।
- अगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ तो 29 मार्च2019 को ब्रिटेन बिना किसी समझौते के यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा।
थेरेसा मे की कंजरवेटिव पार्टी के 100 से ज्यादा सांसदों ने भी उनके खिलाफ वोट दिया। इसे ब्रिटिश इतिहास में सरकार की सबसे बड़ी हार बताया जा रहा है।
मे ने कहा- सांसदों ने यह तो बता दिया कि वे किसके खिलाफ हैं लेकिन यह नहीं बताया कि विरोध क्यों कर रहे हैं? यह साफ है कि सदन ब्रेग्जिट डील का समर्थन नहीं करता लेकिन वोटिंग से यह पता नहीं चलता कि वह किसका समर्थन करता है।
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Source: bhaskar international story