यौन हिंसा रोकने के लिए कॉन्गो के डेनिस और इराक की नादिया को शांति का नोबेल
नॉर्वे.शांति का नोबेलइस साल काॅन्गो के डेनिस मुकवेज और नादिया मुराद को दिया जाएगा। शुक्रवार को नोबेल नॉर्विजियन कमेटी ने इसका ऐलान किया। युद्ध के दौरान होने वाले यौन हिंसा कीरोकथाम के प्रयास के लिए डेनिस और नादियाको इस अवॉर्ड के लिए चुना गया।
कौन हैं मुकवेज और मुराद?
कॉन्गो के रहने वाले मुकवेज जाने-माने सर्जन और बुकावु शहर में पनजी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर हैं। यौन हिंसा पर लगाम लगाने और यौन हिंसा के शिकार लोगों को बचाने के लिए मुकावेज काफीसमय से संघर्ष कर रहे हैं। नोबेल कमेटी के अध्यक्ष बेरिट रीस एंडरसन ने कहा कि दोनों विजेताओं ने मासूमों को बचाने के लिए कई बार अपनी जान जोखिम में डाली।
मुराद इराक की मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। वेउन हजारों यजीदी लड़कियों में से हैं, जिन्हें आईएसआईएस के आतंकियों ने अगवा करके सेक्स स्लेव बना दिया था। वे मोसुल के रास्ते किसी तरह अपनी जान बचाकरआतंकियों के कब्जे से बच निकली थीं। 2016 में अमेरिकी कांग्रेस के सामने अपने भाषण में उन्होंने अमेरिका से आईएस को खत्म करने की अपील की थी। नोबेल कमेटी ने उन्हें हजारों महिलाओं की आवाज बनने के लिए बधाई दी।
BREAKING NEWS:
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the Nobel Peace Prize for 2018 to Denis Mukwege and Nadia Murad for their efforts to end the use of sexual violence as a weapon of war and armed conflict. #NobelPrize #NobelPeacePrize pic.twitter.com/LaICSbQXWM— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 5, 2018
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Source: bhaskar international story