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संसद में बहुमत हासिल करने के लिए जेल में बंद तमिलों को छोड़ सकते हैं राजपक्षे



कोलंबो. श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे जल्द ही तमिल अल्पसंख्यकों को जेल से आजाद करने पर फैसला ले सकते हैं। रविवार को उनके सांसद बेटे नमल ने तमिल में ट्वीट कर कहा, “राष्ट्रपति सिरिसेना और प्रधानमंत्री राजपक्षे इस मामले में जल्द फैसला लेंगे।” माना जा रहा है कि इस कदम के जरिएराजपक्षे संसद में तमिल पार्टी ‘तमिल नेशनल अलायंस’ (टीएनए) का अहम समर्थन जुटाना चाहते हैं।

राजपक्षे सरकार पर लग चुके हैं तमिलों पर अत्याचार के आरोप

राजपक्षे पहले भीलिट्टे के साथ युद्ध के दौरान कह चुके हैं कि वे तमिल समुदाय के खिलाफ नहीं हैं। हालांकि, 2009 में युद्ध खत्म होने के बाद श्रीलंका सरकार पर तमिलों को राजनीतिक बंदी बनाने के आरोप लगे थे।तमिलों का कहना है कि कुछ लोगों को आतंकरोधी कानून के तहत लंबे समय से जेल में बंद रखा गया, जबकि उनके खिलाफ आधिकारिक तौर पर चार्जशीट भी नहीं दाखिल कीगई।

क्या है श्रीलंका में बहुमत की स्थिति?
सोमवार को संसद की बैठक होनी है। इसमें राजपक्षे और प्रधानमंत्री पद से हटाए गए विक्रमसिंघे से बहुमत साबित करनेके लिए कहा जा सकता है। 225 सदस्य वाली संसद में बहुमत हासिल करने के लिए 113 सांसदों का समर्थन चाहिए। प्रधानमंत्री राजपक्षे के पास फिलहाल 100 सांसदों का समर्थन है। वहीं रानिल विक्रमसिंघे के पास 103 सांसद हैं।

बाकी बची अलग-अलग पार्टियां (जिनमें टीएनए भी शामिल हैं) के 22 सांसद सोमवार को राजपक्षे के विरोध में खड़े हो सकते हैं। इसी लिए राजपक्षे की पार्टी की तरफ से टीएनए के नेताओं को मंत्रीपद का लालच भी दिया जा रहा है।हालांकि, तमिल नेशनल अलायंस पहले ही राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन का ऐलान कर चुकी है। टीएनए का कहना है कि राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाया जाना संविधान का उल्लंघन है।

सिरिसेना ने राजपक्षे को दिलाई थी प्रधानमंत्री पद की शपथ
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने हाल ही में रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद उन्होंने महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। साथ ही संसद को भंग करने की घोषणा भी की थी। इसके बाद विक्रमसिंघे ने खुद को हटाए जाने के फैसले को असंवैधानिक बताया था। उन्होंने संसद में बहुमत साबित करने के लिए मौका देने की भी मांग की थी। दो दिन पहले ही सिरिसेना ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते 5 नवंबर को संसद बैठक बुलाने का ऐलान किया था।

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Tamil prisoners may be released to tilt scales in favour of Rajapaksa

Source: bhaskar international story

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