Uncategorized

समुद्र में 80 टन तेल बहा; लोग बोले- हमारी मछलियां मर गईं, पीने का पानी तक नहीं मिल रहा



होनियारा. सोलोमन द्वीप के पास स्थित रेनेल द्वीप के समुद्र में एक टैंकर से 80 टन तेल बह गया। तेल अभी भी बह रहा है और इसका फैलाव 6 किमी तक हो गया है। इसके चलते स्थानीय लोगों दैनिक कामकाज रुक सा गया है। तेल के बहने से मछलियां मर गई हैं। लिहाजा लोगों को खाने की दिक्कत हो रही है। समुद्र के पास स्थित झरनों तक तेल पहुंच चुका है, इसके चलते लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा। बीच की रेत पर भी काफी तेल है। लोग न तो समुद्र में नहाने जा पा रहे हैं और न ही पिकनिक मनाने। तेल के रिसाव को रोकने के लिए अफसर कोशिशों में जुटे हुए हैं।

  1. करीब चार हफ्ते पहले हॉन्ग कॉन्ग के जहाज एमवी सोलोमंस से 80 टन तेल कोंगोबाइनियु रीफ में फैल गया है। टैंकर में 700 टन तेल भरा हुआ था। इसके चलते खाड़ी की मछलियां मर रही हैं। ज्वार में तट तक आने वाला पानी काला हो गया है। पानी की ही नहीं बल्कि समुद्र से सटी जमीन पर भी तेल की मोटी चादर बिछ गई है। समुद्र के किनारे की वनस्पतियां भी काली पड़ गई हैं।

  2. रेनेल द्वीप के तटीय गांवों माटंगा, वांगू, लवांगू और कंगावा पर तेल का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। लवांगू में रहने वाले पॉल नील कहते हैं कि बच्चे समुद्र में तैरने नहीं जा पा रहे। अनिश्चितकाल तक के लिए मछलियों का शिकार बंद करना पड़ा है। अब हमारे खाना तलाशने का दूसरा रास्ता भी नहीं है। खाने की चीजों के लिए अब हम राजधानी होनियारा पर ही निर्भर हैं।

  3. स्थानीय आपदा अफसर का कहना है कि समुद्र के पानी से नहाने के बाद कुछ लोगों ने शरीर पर जलन होने की शिकायत की है। कुछ लोगों का कहना है कि समुद्र की तरफ से इतनी तेज बदबू आ रही है कि वे रात में सो भी नहीं पा रहे।

    Soloman

  4. 5 फरवरी को हॉन्ग कॉन्ग का शिप पर कोंगोबाइनियु रीफ के पास से बॉक्साइट की लोडिंग हो रही थी। उसी वक्त तट से चक्रवात टकराया। इसकी वजह से जहाज फंस गया। एक हफ्ते की मशक्कत के बाद जहाज निकाला गया तो उस वक्त मूंगे की चट्टान से टैंकर में गहरी खरोंच लग गई और तेल का रिसाव होने लगा।

  5. अफसरों को चिंता है कि अगर रिसाव नहीं रोका गया तो वह ईस्ट रेनेल तक पहुंच सकता है। यहां खास तरह की चूने के पत्थर चट्टानें, बड़ी झीलें और घना जंगल है। तेल फैलने के चलते यह खराब हो सकता है।

  6. ऑस्ट्रेलिया सरकार और कंजर्वेशन ग्रुप तेल की सफाई की जुट गए हैं। वहीं, कवांगा बे में रहने वाले इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनकी जिंदगी कभी सामान्य हो पाएगी या नहीं। ओशंसवॉच सोलोमन आईलैंड के प्रवक्ता लॉरेंस नोडुआ कहते हैं कि स्थिति अभी और बिगड़ेगी। लाघु बे के पास रहने वाले 300 लोगों को न जाने कब ताजी मछलियां मिलेंगी।

    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


      समुद्र में 6 किमी के इलाके में तेल फैल चुका है।


      तेल के पानी से शरीर धोने के बाद जलन भी हो रही है।

      Source: bhaskar international story

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *