स्कूली छात्रों ने टॉय कार से दिव्यांग बच्चे के लिए व्हील चेयर बना दी, ताकि वह यहां-वहां जा सके
मिनेसोटा (अमेरिका). सिलियन जैक्सन नामक बच्चे का जन्म एक आनुवंशिक बीमारी के साथ हुआ जिस कारण उसे चलने-फिरने में दिक्कत होने लगी। वह दोसाल हो चुका था, माता-पिता जब भी बाहर जाते, उसे उसे गोदी में उठाकर ले जाते थे। कभी उसे चाइल्ड जोन में खिलौनों के साथ छोड़कर चले जाते थे। इन परेशानियों से बचने के लिए उसके पिता ने मोटोराइज्ड व्हीलचेयर खरीदने की सोची, लेकिन उसकी कीमत कई हजार डॉलर में थी। वे सोचते थे बच्चे के लिए कोई खिलौना गाड़ी मिल जाए, जिसमें वह स्वतंत्र रूप से यहां-वहां जा सके।
तभी सिलियन के पिता को ख्याल आया कि फार्मिंगटन हाई स्कूल में जब वे पढ़ते थे तब यहां की रोबोटिक्स टीम अपने इनोवेशन, अनोखे डिजाइन की वस्तुएं बनाने और आविष्कार के लिए कई पुरस्कार जीतती रही है। वे स्कूल गए और रोबोटिक टीम के छात्रों को अपनी परेशानी बताई। उन्होंने कुछ ऐसी व्हील चेयर बनाने की गुजारिश की जिसे सिलियन नियंत्रित कर सके। छात्रों ने उनकी चुनौती स्वीकार कर ली। छात्रों ने भी दो साल लके बच्चे के जीवन में बदलाव लाने के लिए यह चुनौती स्वीकार कर ली।
पावर पहियों वाली खिलौना गाड़ी में परिवर्तन किए: हाईस्कूल के छात्रों ने व्हीलचेयर के आधार के लिए सिलियन के माता-पिता द्वारा दिए गए एक पावर पहियों वाली खिलौना गाड़ी में परिवर्तन किया। कुर्सी को कंट्रोल करने के लिए एक अनुकूल जॉयस्टिक जोड़ी। कुछ इलेक्ट्रॉनिक बदलाव किए। अमेजन से एक आरामदायक सीट ली। चेयर के किनारों पर सुरक्षा बंपर के लिए पूल नूडल्स का इस्तेमाल कर खिलौना व्हीलचेयर कार बना दी। छात्रों ने सिलियन को यह कार भेंट की। जब वह बच्चा इसमें बैठकर यहां-वहां घूमने लगा, मर्जी के कार मूवमेंट करने लगा तो उसकी खुशी देखते ही बनती थी।
अमेरिका में 5.4 करोड़ दिव्यांग :सिलियन की खुशी देखकर हाई स्कूल के ये छात्र भी अपनी सफलता और आविष्कार पर झूम उठे। सबसे बड़ी बात यह थी कि इस व्हीलचेयर कार में लगने वाला कोई भी सामान महंगा नहीं था। अमेरिका में 5.4 करोड़ लोग दिव्यांगोंके साथ रह रहे हैं, जिसमें 5 से 17 साल के पांच प्रतिशत विकलांग बच्चे शामिल हैं। यहां 15 सालसे अधिक आयु के 36 लाख लोग व्हीलचेयर का उपयोग करते हैं। बावजूद इसके कई लोगों के पास मोटराइज्ड चेयर खरीदने के पैसे नहीं होते हैं।
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Source: bhaskar international story