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स्टूडेंट्स भारत, केन्या और यूक्रेन के संघर्षरत लेखकों से असाइनमेंट पूरे करवा रहे हैं



वॉशिंगटन(फराह स्टॉकमैन). स्कूल-कॉलजों में चीटिंग करवाने वाले सिंडिकेट के बारे में तो लोगों ने अच्छी तरह सुन रखा है, लेकिन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में इसे चीटिंग नहीं, बाकायदा काम की तरह देखा जाने लगा है। यह काम अब वैश्विक स्तर फैल रहा है। इन दिनों अमेरिकी कॉलेज स्टूडेंट्स देश के बाहर से अपने असाइनमेंट करवा रहे हैं। इसमें वे संघर्ष कर रहे लेखकों की मदद ले रहे हैं। इससे स्टूडेंट्स का काम तो हो ही रहा है, लेखकों को भी रोजगार मिल रहा है। ये लेखक केन्या, भारत और यूक्रेन जैसे देशों में बैठकर स्टूडेंट्स की मदद कर रहे हैं।

ऐसा ही एक उदाहरण ईस्ट अफ्रीका के देश केन्या के शहर न्येरी की यूनिवर्सिटी में पढ़ रही स्टूडेंट मैरी बुगुआ का है। वे अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए असाइनमेंट पूरे करती हैं। मैरी ने खर्चा चलाने के लिए कई छोटे-मोटे काम किए। पर वह उनके गुजर-बसर के लिए काफी नहीं था। तभी एक साथी ने उन्हें एकेडेमिक राइटिंग के लिए काम ऑफर किया।

केन्या में तेजी से बढ़ी एकेडेमिक राइटिंग
एकेडेमिक राइटिंग केन्या में फायदे की इंडस्ट्री की तरह पनप रही है। ये इंडस्ट्री अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन स्कूल असाइनमेंट्स बना रही हैं। जब मैरी इससे जुड़ीं तो उन्हें ये बेईमानी करने जैसा लगा, लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रही मैरी के पास कमाई का कोई और विकल्प नहीं था। मैरी इन दिनों एस माय होमवर्क और ऐसेशार्क जैसी साइट्स से जुड़ी हुई हैं। एक्सपर्टस का कहना है कि यह इंडस्ट्री एक दशक से ज्यादा लंबे वक्त से वजूद में है। पर हाल में इसकी मांग और भी ज्यादा बढ़ी है।

हर पेज के लिए 1100, अर्जेंट हो तो 3000 रु.
इन साइट्स से जुड़े लोगों की कमाई भी कम नहीं है, एक असाइनमेंट के हर पेज के लिए करीब 1100 रुपए मिलते हैं। यह दो हफ्तों में पूरा करना होता है। असाइमेंट जल्दी करना हो तो हर पेज के 3000 रुपए तक मिल जाते हैं। केन्या में जहां सालाना औसत आय 1.2 लाख है, सफल लेखक सालभर में 1.4 लाख रुपए तक कमा रहे हैं।
(दैनिक भास्कर से विशेष अनुबंध के तहत ‘द न्यू यॉर्क टाइम्स’)

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Source: bhaskar international story

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