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स्पेस म्यूजियम बना दी गई थी लकड़ी की चर्च, अब दोबारा गिरिजाघर बनाने की मांग



कीव. सोवियत संघ में 1970 का दशक अंतरिक्ष क्रांति के लिए याद किया जाता है। उस दौरान अमेरिका से टक्कर लेने के लिए सोवियत संघ में बड़े स्तर पर अंतरिक्ष अभियानों और कार्यक्रमों का प्रचार किया जा रहा था। इसी दौरान देशभर में धर्म विरोधी अभियान भी जोर पकड़ रहा था। इसके तहत कई चर्च और धार्मिक स्थल तोड़े जा रहे थे। ऐसे में पेरेयास्लाव शहर में स्थित लकड़ी के एक पारंपरिक चर्च को बचाने के लिए इसे स्पेस म्यूजियम में बदल दिया गया था। पिछले 49 साल से यह चर्च-म्यूजियम सोवियत अंतरिक्ष अभियानों की याद समेटे है। अब लोगों ने म्यूजियम को पूरी तरह चर्च में बदलने की मांग की है।

  1. म्यूजियम के चीफ क्यूरेटर सर्गेई वोल्कोदाव के मुताबिक, सोवियत शासन 70 के दशक में हर किसी के दिमाग में अपने अंतरिक्ष अभियान की सफलता भर देना चाहती थी। उस दौरान स्पेस फ्लाइट भी काफी लोकप्रिय हो रही थीं। सरकार चाहती थी कि बच्चा-बच्चा एस्ट्रोनॉट बनने का सपना देखे।

  2. बताया जाता है कि स्पेस कार्यक्रमों का प्रचार कर सोवियत सरकार लोगों को संदेश देना चाहती थी कि भगवान नहीं होते। इसके चलते कई चर्चों को खत्म कर दिया गया था। वहीं कुछ चर्च की बनावट का इस्तेमाल लंबे-लंबे रॉकेटों के प्रदर्शन के लिए भी किया गया। कुछ को तो पूरी तरह प्लेनेटोरियम्स (तारामंडल) की तरह तैयार कर दिया गया।

  3. 1891 में बनी इस चर्च में अंतरिक्ष अभियानों से जुड़ी करीब 450 वस्तुएं रखी गई थीं। इसमें दुनिया के पहले अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन के पैराशूट के साथ-साथ 1976 में स्पेसवॉक करने वाले एस्ट्रोनॉट व्यासेस्लाव जुदोव का स्पेससूट भी शामिल है। इसके अलावा अंतरिक्ष यात्रियों की और कई निजी चीजें भी इमारत का हिस्सा बन गईं।

  4. 1991 में सोवियत संघ से आजाद होने के बाद यूक्रेन में एक बार फिर धार्मिक स्वतंत्रता मिल गई। हालांकि, पिछले करीब 28 सालों से इस म्यूजियम को कभी बदलने की कोशिश नहीं की गई। हालांकि, कुछ ही दिन पहले रूसी चर्चों के संघ से बाहर होने के बाद अब इसे बदलने की वकालत की जा रही है। लोग चाहते हैं कि स्पेस म्यूजियम को एक बार फिर पूरी तरह चर्च बना दिया जाए। हालांकि, कुछ पादरियों ने इसका विरोध किया है। क्यूरेटर वोल्कोदाव के मुताबिक, यह दुनिया का इकलौता म्यूजियम चर्च है। इसलिए इसे जैसा है वैसा ही छोड़ देना चाहिए।

  5. लोग चाहते हैं कि स्पेस म्यूजियम को एक बार फिर पूरी तरह चर्च बना दिया जाए। हालांकि, कुछ पादरियों ने इसका विरोध किया है। क्यूरेटर वोल्कोदाव के मुताबिक, यह दुनिया का इकलौता म्यूजियम चर्च है। इसलिए इसे जैसा है वैसा ही छोड़ देना चाहिए।

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      स्पेस म्यूजियम में एस्ट्रोनॉट व्यासेस्लाव जुदोव का स्पेससूट आज भी रखा है।


      Ukraine space museum made in a church during Soviet era


      Ukraine space museum made in a church during Soviet era


      Ukraine space museum made in a church during Soviet era


      Ukraine space museum made in a church during Soviet era

      Source: bhaskar international story

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