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हमलावर के गांव के घरों में ताले नहीं लगते, गांववालों ने कहा- हम हैरान हैं



ग्राफ्टन.पूर्वी ऑस्ट्रेलिया का शहर ग्राफ्टन। क्लेरेंस नदी के किनारे, खेतों से घिरा एक शहर जहां लोगों में इतना विश्वास है कि घरों में ताले भी नहीं लगाते। 18000 आबादी वाला यह शहर बेहद शांत है। इसलिए वे स्तब्ध रह गए जब उन्हें पता चला कि न्यूजीलैंड में मस्जिदों पर हमला कर 50 लोगों की जान लेने वाला ब्रेनटन हैरिसन टैरेंट उन्हीं के बीच से है। वहीं के एक रहवासी विलो वॉकर कहते हैं कि मेरे लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यही है कि ग्राफ्टन जैसे शहर में रहने वाला इस हद तक नस्लभेदी हो सकता है।
इस छोटे से शहर में अब दुनियाभर की मीडिया पहुंच रहा है। 52 साल केट्रूडी शुल्त्ज का कहना है, ‘मीडिया हमारे शहर की छवि खराब कर रहा है। लोग कह रहे हैं कि हमने आतंकवादी पैदा किया है। यह ठीक नहीं है।’ ब्रेनटन जिस घर में पला-बढ़ा, वहां रहने वाली महिला मीडिया के दबाव से परेशान हैं।

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पड़ोसी बताते हैं कि ब्रेनटन का परिवार आठ साल पहले यहां से चला गया था। उसके स्कूल की साथी कारा हिकसन बताती हैं, ‘स्कूल में ब्रेनटन काफी मजाकिया था। उसने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया था। पिता की मृत्यु के बाद निवेश से हुए फायदे से वह दुनिया घूमने निकल गया। फिर लौटकर नहीं आया।’ द डेली एक्जामिनर के संपादक बिल नॉर्थ कहते हैं, ‘शहर के लोग इस बात से दुखी हैं कि उनके शहर को गलत वजहों से दुनियाभर में पहचान मिल रही है। मीडिया शहर के टैरेंट्स सरनेम के बाकी लोगों के पीछे पड़ा है जो उनके परिवारों की प्राइवेसी का उल्लंघन है।

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ब्रेनटन का बचपन इसी घर में बीता।


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Source: bhaskar international story

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