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हुवावे के फाउंडर ने कहा- एपल मेरी टीचर है, चीन ने उस पर कार्रवाई की तो विरोध करूंगा



हॉन्गकॉन्ग. अमेरिका ने भले ही चीन की टेलीकॉम कंपनी हुवावे को ब्लैकलिस्ट कर दिया हो लेकिन हुवावे के फाउंडर और सीईओ रेन झेंगफे नहीं चाहते कि चीन अमेरिकी कंपनी एपल पर कोई कार्रवाई करे। झेंगफे का कहना है कि एपल दुनिया की प्रमुख कंपनी है। एपल मेरी टीचर है और एक छात्र के नाते मैं इसका विरोध कैसे कर सकता हूं। उन्होंने ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में यह बात कही।

  1. झेंगफे का कहना है कि पहली बात तो ऐसा होगा नहीं कि चीन बदले की कार्रवाई करे और ऐसा हुआ तो सबसे पहले मैं इसका विरोध करूंगा। अमेरिका ने पिछले दिनों हुवावे को एनटिटी लिस्ट में डाल दिया। इस लिस्ट में शामिल कंपनियां अमेरिकी कंपनियों के साथ कारोबार नहीं कर सकती हैं।

  2. हुवावे दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम उपकरण निर्माता और दूसरी बड़ी स्मार्टफोन विक्रेता कंपनी है। अमेरिकी प्रतिबंधों से उसका यह रुतबा छिनने का खतरा बढ़ गया है। विश्लेषकों का कहना है कि हुवावे पर बैन से सैमसंग को फायदा हो सकता है।

  3. चीन में हुवावे और एपल की बिक्री के आंकड़ों में भारी फर्क है। रिसर्च फर्म केनालिस के मुताबिक हुवावे ने चीन में मार्च तिमाही में 3 करोड़ फोन बेचे। जनवरी-मार्च 2018 के मुकाबले यह 41% ज्यादा हैं। दूसरी ओर आईफोन की इस साल जनवरी-मार्च में चीन में बिक्री में 30% घट गई।

  4. पिछले महीने मार्च तिमाही के नतीजे जारी करने के वक्त एपल के सीईओ टिम कुक ने कहा था कि अमेरिका-चीन के बीच व्यापार वार्ता में प्रगति होने से चीन में आईफोन की बिक्री बढ़नी चाहिए। आईफोन की कीमतों को लेकर हमने सकारात्मक कदम भी उठाए हैं।

  5. एपल की उम्मीदों के विपरीत अमेरिका-चीन के बीच व्यापार वार्ता सफल नहीं रही। दोनों देशों ने एक-दूसरे के आयात पर शुल्क बढ़ाना फिर से शुरू कर दिया है। फिच रेटिंग्स के एनालिस्ट्स का कहना है कि ट्रेड वॉर बढ़ने से एपल को नुकसान हो सकता है। चीन के बाजार में इसका मार्केट शेयर और घट सकता है।

  6. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को शक है कि हुवावे के उपकरणों के जरिए चीन जासूसी कर सकता है। पिछले दिनों उन्होंने हुवावे से बहुत ज्यादा खतरा होना बताया था। साथ ही कहा था कि चीन से आगे होने वाली व्यापार वार्ता में हुवावे को शामिल किया जा सकता है। इस पर हुवावे के फाउंडर का कहना है कि उनकी कंपनी को बारगेनिंग चिप की तरह इस्तेमाल करने की बात एक बड़ा मजाक है। उनका सवाल है कि चीन-अमेरिका के व्यापार से हमारा क्या संबंध हो सकता है ?

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      हुवावे के फाउंडर रेन झेंगफे।

      Source: bhaskar international story

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