13 साल के अनाथ बच्चे का किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था, टीचर ने गोद लिया
वॉशिंगटन. अमेरिका के कोलोराडो में एक 13 साल के बच्चे का किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था। बच्चा अनाथ है। अमेरिकी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति का तब तक किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन नहीं हो सकता, जब तक उसका स्थाई घर न हो। बच्चे का सही इलाज हो सके, लिहाजा एक टीचर ने उसे गोद ले लिया।
13 साल का डेमियन 8 साल की उम्र में किडनी फेल हो गई थी। डेमियन रिश्तेदार के पास और फिर अनाथालय में रहा। लोगों ने उसकी देखभाल भी की लेकिन बार-बार उसे केयर होम बदलने पड़े। अस्पताल में किडनी बदलवाने के लिए भी डेमियन का नाम सूची में था, लेकिन घर न होने के चलते उसका नाम नीचे खिसक गया।
उम्मीद बनकर आए टीचर
डेमियन की तबीयत बिगड़ती जा रही थी। किडनी ट्रांसप्लांट की उम्मीद भी नहीं बची थी। फुलटाइम डायलिसिस के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी दौरान डेमियन के मैथ्स के टीचर फिन लेनिंग उम्मीद की किरण बनकर आए। लेनिंग ने कहीं से सुना कि किडनी की गंभीर बीमारी के चलते डेमियन को स्कूल छोड़ना पड़ा।
नियम के मुताबिक- अमेरिका में किसी का किडनी का प्रत्यारोपण तब तक नहीं हो सकता, जब तक उसके पास स्थाई घर न हो। लिहाजा लेनिंग ने डेमियन को गोद ले लिया। अब डेमियन, लेनिंग के घर पर है और किडनी ट्रांसप्लांट की अपनी बारी का इंतजार कर रहा है। वहीं, कई अन्य लोग भी लेनिंग की मदद के लिए गोफंडमी कैंपेन के जरिए पैसे जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
‘पढ़ने में होशियार है डेमियन’
लेनिंग बताते हैं- मैंने कोलोराडो का एएक्सएल स्कूल ज्वाइन किया था। डेमियन वहीं पढ़ता था। मेरी उससे मुलाकात वहीं हुई थी। वह शांत लेकिन पढ़ने में होशियार था। उस वक्त वह अपने रिश्तेदार के यहां ऑरोरा (कोलोराडो) में रहता था। एक दिन डेमियन ने कहा कि अब कभी स्कूल नहीं आ पाएगा। क्योंकि रिश्तेदार ने उसे एक केयर होम में डाल दिया है।
उधर, ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. एंथनी वॉटकिंस के मुताबिक- ट्रांसप्लांट एक जटिल प्रक्रिया है। इसमें इलाज के दौरान और बाद में एक बेहतर सपोर्ट सिस्टम की जरूरत होती है ताकि मरीज अच्छे से रिकवरी कर सके।
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Source: bhaskar international story