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37 साल सत्ता में रहे पूर्व तानाशाह मुगाबे नहीं रहे, कहते थे- पद से सिर्फ भगवान हटा सकते हैं



सिंगापुर. जिम्बाब्वे के फाउंडिंग फादर कहे जाने वालेपूर्व प्रधानमंत्री और तानाशाहरॉबर्ट मुगाबे का शुक्रवार को निधन हो गया। सिंगापुर के एक अस्पताल में उन्होंने 95 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। राष्ट्रपति इमर्सन म्नांगगवा के मुताबिक, मुगाबे 1980 से लेकर 2017 तक सत्ता में रहे। 1980 से 87 तक वह देश के प्रधानमंत्री रहे। उन्हें नवंबर 2017 में राष्ट्रपति की गद्दी छोड़नी पड़ी थी। उन्होंने 37 साल देश का नेतृत्व किया। मुगाबे अक्सरकहा कहते थे-‘‘मुझे सत्ता से सिर्फ भगवान ही हटा सकते हैं।’’

राष्ट्रपति म्नांगगवा ने कहा, ‘‘मुझे कहते हुए दुख हो रहा है कि जिम्बाब्वे के फाउंडिंग फादर, पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति अब हमारे बीच नहीं रहे।मुगाबे ने अपनी जिंदगी देश लोगों के मुक्ति और सशक्तिकरण के लिए समर्पित की। वह एक उदारवादी और अफ्रीकी लोगों के लिए आइकॉन थे। देश और महाद्वीप के इतिहास में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’’

  1. नेता बनने से पहले मुगाबे जेल में थे,फिर गुरिल्ला लीडर बने। उन्होंने रोडेशियन (पूर्व जिम्बाब्वे) सरकार को वार्ता की मेज पर आने के लिए मजबूर कर दिया था। 1980 में उन्होंने सत्ता संभाली और 2017 तक शीर्ष पर रहे। 2017 में उन्होंने पत्नी ग्रेसको सत्तामें लाने के लिए तत्कालीन उपराष्ट्रपति इमर्सन म्नांगगवा कोपद से हटा दिया था।

  2. इसका विरोध हुआ और मुगाबे के खिलाफ महाभियोग लाने का प्रस्ताव जिम्बाब्वे अफ्रीकी नेशनल यूनियन-पैट्रियटिक फ्रंट द्वारा तैयार किया गया। इसके तहत पहले मुगाबे को पार्टी से हटाया गया, जिसके बाद उन्हें गद्दी छोड़नी पड़ी। यह वहीपार्टी थी,जिसने उन्हें दो दर्शकों तक नेतृत्व का मौका दिया था।

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      बेटे रॉबर्ट जूनियर के साथ सिंगापुर के अस्पताल में जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे(फाइल)।

      Source: bhaskar international story

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